बादल राज
सीतामढ़ी, बिहार(मिथिला हिंदी न्यूज कार्यालय 22 जून 20) बिहार के सीतामढ़ी जिला में प्राईवेट शिक्षक संघ सीतामढ़ी के द्वारा एक बैठक आयोजित किया गया जिस बैठक में सीतामढ़ी के शिक्षक सहित सीतामढ़ी के अन्य प्रखंड जैसे पुपरी ,बाजपट्टी, परिहार, बेलसंड इत्यादि जगह पर सीतामढ़ी में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठक में शामिल हुए जिसमें सभी शिक्षकों ने अपनी अपनी तथ्य दिए जिसमे सीतामढ़ी के शिक्षकों के साथ हो रही अन्याय के तथा शिक्षको के आर्थिक स्थित, जीविकोपार्जन में हो रही कठिनाई से निदान हेतु चर्चा किया गया जिसमें शिक्षको का मानना हौ की उनके साथ सरकार भेद-भाव कर रही है क्योंकि देश में लगभग सभी व्यवसाय संबंधी संस्थान, दुकाने, मॉल,शराब की दुकान इत्यादि खुल चुके हैं जबकि मनुष्य की मूल आवश्यकता शिक्षा पर सरकार की नजर नहीं जा रही है वही उमेश कुमार निराला के कहना की वर्तमान में देश के गैर सरकारी शिक्षकों की हालात बद से बदतर हो गई है वे आर्थिक स्थिति से दिन पर दिन अपंग होते जा रहे हैं जिस तरह भरी सभा मे चाणक्य को राजदरबार से निष्कासित कर दिया गया वही चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को पैदा कर दिया ठीक उसी तरह सरकार शिक्षक के उसके योग्यता को कम ने आंके वही मनीष सर ने बताया की देश के गैर सरकारी शिक्षक को सब्जी, नाश्ता ,पकौड़ा बेचने की नौबत आ गई है वही दूसरी ओर बढ़ती बेरोजगारी को लेकर पढ़े- लिखे नौजवान शैक्षणिक की ओर बढ़ रहा है ताकि किसी प्रकार उनके परिवार की जीविका ठीक-ठाक से चल सके वही कुछ शिक्षकों का कहना है के लोकड़ाऊंन तो सभी जगह लगभग लगभग तो खुल चुका है तो सरकार एक नियम के तहत क्यों न देश की शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान दे रहे है,वही राठौर सर का कहना है कि सीतामढ़ी के वर्तमान D.M को जब लिखित माध्यम से गैर सरकारी शिक्षक के वर्तमान स्थिति पर जबाब मांगे उन्होंने शिक्षको से मिलने से इंकार कर दिया।
अंत मे सभी शिक्षको का ने निर्णय लिया कि अगर राज्य सरकार गैरसरकारी शिक्षक ,प्राइवेट कोचिंग के नए नियम,रूप रेखा के तहत खोलने की अनुमति नही देगी तो सभी शिक्षक आमरण अनसन करेंगे वर्ना क्योंकि कोरोना जैसी महामारी इतनी जल्दी हमारे बीच से जाने वाली नही इसीलिए सरकार को इस पर अधिक ध्यान देना चाहिए या सभी गैर सरकारी शिक्षकों को घर परिवार के निर्वाह हेतु सरकार कुछ कार्य दे। इस बैठक में रौशन कुमार,दीपक कुमार मंडल,मनीष मिश्रा,रंजन दास, जयमंगल दास,अमित झा,संतोष कुमार,निर्भय झा ,मनीष सर,रोहित गिरी,भवेश कुमार झा इत्यादि सैकड़ो शिक्षक मौजूद थे।