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सीतामढ़ी में दर्जनों गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, जनजीवन अस्त व्यस्त आवागमन बाधित

13 जुलाई 2020

विमल किशोर सिंह

मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय, सीतामढ़ी, बिहार

सुरसंड/मेजरगंज/रीगा (सीतामढ़ी)। नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।  एनएच 104 परिहार थाना क्षेत्र के सुतिहारा गांव के निकट मरहा नदी में आयी बाढ़ से सुतिहारा पुल व लचका में तीन से चार फीट पानी के तेज वहाव से यातायात बन्द हो गया है। मरहा नदी के उफान से सुतिहारा, राधाउर, बेलहिया, कंसारा, बखरी, मकनोहिय सहित दर्जनों सरेह में बाढ़ के पानी फैल जाने से धान का बिचरा, नेनुआ, लौकी, बोरी, मुंग आदि फसल नष्ट हो गया है।

वही प्रखंड क्षेत्र के श्रीखंडी भिट्ठा पूर्वी महादलित टोला वार्ड नम्बर 5 में रातो नदी में आई बाढ़ से श्रीखंडी भिट्ठा पूर्वी वार्ड नम्बर 5 महादलित टोला में दर्जनों घरो में बाढ़ के पानी प्रवेश कर चुका है। बाढ़ से भारत-नेपाल सीमा भिट्ठामोर एसएसबी चेक पोस्ट शिविर व भिट्ठा ओपी कार्यालय में 2 फीट पानी बह रहा है।  बाढ़ नियंत्रण सूचक के यंत्र के अनुसार 250 सेंटीमीटर पानी है। उन्होंने कहा कि अभी जल स्तर में वृद्धि जारी है। सुरसंड नगर पंचायत हरसँगही नदी में आयी उफान से नगर पंचायत के वार्ड नम्बर 6 महादलित टोला बच्चाफुलवारी में 125 घरो से अधिक पानी प्रवेश कर चुकी है।

मेजरगंज के संवाददाता ने खबर दी है कि सीमाई इलाकों में लगातार हो रही बारिश व बागमती नदी का जल स्तर बढ़ने से प्रखंड के रुसलपुर, क्षनकी तथा बगल के प्रखंड सुप्पी के जमला, परसा, ढेंग तक सैकड़ों एकर उपजाऊ खेत नदी में विलीन हो गया। उन खेतों में धान तथा गन्ने की फसल लगी थी, जिससे किसान मर्माहत है। स्थानीय मुखिया चंदेश्वर नारायण सिंह ने बताया कि हर साल बागमती नदी के बाढ़ से तट पर बसे गांवों को तबाही होती ही है साथ ही उनके खेत भी धार में परिवर्तित हो जाती है।

सरकार व प्रशासन मूकदर्शक की भूमिका निभाने के अलावा आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। स्थानीय जगन्नाथ सिंह, संजय कुमार सिंह, जदयू प्रखंड अध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह, जगदीश नारायण सिंह, राकेश सिंह, जय मंगल सिंह, शिव शंकर सिंह सहित दर्जनों किसानों के फसल लगा खेत नदी के बहावव कटाव से बर्बाद हो गया। इन लोगों ने प्रशासन से त्वरित सहायता की गुहार लगाई है। इस संबंध में सीओ चंदन कुमार ने बताया कि उनके द्वारा घाट का निरीक्षण किया गया है, इसका रिपोर्ट जिला अधिकारी को भेजा जा रहा है।

रीगा के संंवाददाता ने खबर दी है कि प्रखंड क्षेत्र के रेवासी पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 7 के लोगों का घर में रहना मुश्किल हो गया है।  लगभग दो दर्जन परिवार घर छोड़कर दूसरे जगह पर  शरण लिए हुए हैं। लगातार हो रही बारिश के चलते घरों में दो से तीन फीट पानी घुस गया है।  घर में रखा सामान भी निकालना मुश्किल है।  सरकार के गली नाली योजना भी बेकार साबित हो रही है। 

वार्ड नंबर सात निवासी संजीत कुमार हरि शंकर पंडित महेंद्र पंडित रंजीत राउत मोद नारायण पंडित हरदेवराम आदि का कहना है कि जबतक पानी का निकासी नहीं होगा तब तक हम लोगों को बाहर ही रहना पड़ेगा।   








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