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महिलाओं ने अर्थी को कंधा देकर किया सामाजिक वर्जना तोड़ने का प्रयास



आलोक वर्मा / अनुराध भारती
नवादा : .....आम तौर पर ब्राह्मणवादी व्यवस्था में महिलाओं को शमशनघाट जाना वर्जित है और महिलाओं को कर्मकांड से दूर रखा जाता है। ऐसे में जिले के हिसुआ विधानसभा अन्तर्गत अकबरपुर प्रखंड के फरहा ग्राम की महिलाओं ने भी अर्थी को कंधा देकर न सिर्फ सामाजिक वर्जना तोड़ने की प्रयास किया ,बल्कि समाज में महिलाओं की अहम भूमिका का भी लोगों को एहसास दिलाया। मौका था कृषक सेवा केंद्र नवादा के संचालक व फरहा ग्राम निवासी सुरेश प्रसाद की 88 वर्षीया माता नथिया देवी के निधन का। गुरुवार की संध्या निधन के बाद शुक्रवार की सुबह शव यात्रा निकाली गयी ,जिसमें महिलाओं ने भी बढ़ -चढ़कर हिस्सा लिया। मृतक की गोतनी बसंती देवी, चिंता देवी, बेटी आगनबाड़ी सेविका ललिता देवी, सुनीता देवी, बहु अनिता सिन्हा, पोती कशिश सिन्हा उर्फ चांद, नतिनी सोनी कुमारी आदि महिलाओं ने अर्थी को कंधा दिया।
इसके अलावा अर्थी को कंधा देने में महिलाओं के साथ -साथ पुरुषों ने भी अपनी -अपनी भागीदारी सुनिश्चित किया। महिलाओं के द्वारा अर्थी को कंधा देने का अकबरपुर प्रखंड का संभवतः पहला मामला है। इसलिये शव यात्रा की खूब चर्चा हो रही है। इस मौके पर मृतक के पुत्र सुरेश प्रसाद के अलावा भतीजा दंत चिकित्सक आलोक कुमार, शिक्षक दिलीप कुमार, दामाद चंद्रिका प्रसाद, पौत्र अभिषेक रंजन, नाती राजू, विकास, समाजसेवी सुरेश कुशवाहा, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष व शुभचिंतक उपस्थित थे।

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