आलोक वर्मा / नवादा
नवादा : नवादा जिले में सात निश्चय योजना हुआ फेल है । सुशासन की ढोल पीटने वाली एनडीए के सरकार में जिले वासी मूलभूत समस्याओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं । कहीं जल -नल योजना फेल है तो कहीं दम तोड़ रही हैं सड़कें । विभागीय उदासीनता और जनप्रतिनिधियों के लापरवाही का दंश जिले के भोली-भाली जनता झेल रहे हैं । बरसात के दिनों में मुख्य पंथों पर भी पैदल चलना भी दूभर हो गया है । नालियां भरी पड़ी है और सड़कें बेहाल है । स्थानीय लोगों द्वारा विभिन्न तरीकों से सरकार को आईना दिखाने में लगे हैं । सड़क की बदहाली को जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय लोगों की आंखों से पट्टी हटाने के लिए अब नवादा की जर्जर और कीचड़ भरे सड़कों और गलियों पर अब लोग धान रोपकर आईना दिखाया जा रहा है ।
सांसद लिया था खनवां ग्राम को गोद : वैसे तो खनवां पंचायत अपनेआप में एक अलग पंचायत है । खनवां को पूर्व सांसद गिरिराज सिंह ने गोद लिया था और मुख्यमंत्री नीतिश कुमार द्वारा 33 करोड़ रुपये खर्चा कर खनवां गांव को आदर्श बनाया पर यही आदर्श ग्राम पंचायत खनवां के बाजितपुर के ग्रामीणों ने सड़क की बदहाल स्थिति से परेशान होकर सड़क पर ही धान की रोपनी कर विरोध जताया है। बताया जाता है कि बाजितपुर को जानेवाली करीब एक किलोमीटर की कच्ची सड़क पर बरसात के दिनों में पैदल चलना दूभर हो जाता है। सड़क की बदहाल स्थित को देखने वाला न तो कोई जनप्रतिनिधि है और न ही कोई पदाधिकारी। दोनों ओर से कोई भी आम जनता की मूलभूत समस्या को देखने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में इस कच्ची सड़क पर पैदल चलना मुश्किल हो जाता है।
वोट बहिष्कार के बावजूद जनप्रतिनिधियों की नहीं खुली आंखें : स्थानीय ग्रामीणों ने कहा काफी समय से हमलोग पक्कीकरण की मांग स्थानीय प्रतिनिधि एवं पदाधिकारियों से कर रहे है । हमलोगों द्वारा यह भी प्रयास किया कि मांग पूरी नहीं होने पर हमलोगों के द्वारा पिछले लोकसभा चुनाव में रोड नहीं तो भोट नहीं का ऐलान किया गया। उसके बाद वोट का बहिष्कार भी किया गया। बावजूद इसके अभी तक इनलोगों के कानों पर जूं तक नही रेंगी। अब तो हालात ऐसी है कि गांव से निकलना मुश्किल हो गया है। एक ओर सरकार हर गांव को पक्की सड़क से जोड़ने की ढोल पिट रहे हैं, वहीं जिले के नरहट प्रखंड के आदर्श पंचायत खनवां के बाजितपुर ग्राम में सरकार की योजना फेल होते नजर आ रही है।
क्या कहते हैं स्थानीय ग्रामीण : स्थानीय ग्रामीण शिवशंकर चौधरी, सरयू चौधरी,गजाधर चौधरी, लखन आदर्शी,दिनेश यादव,राकेश चौधरी, सकलदीप चौधरी, राजेश कुमार, विकास कुमार, सनोज कुमार ने बताया कि चुनाव के समय क्षेत्रीय प्रतिनिधि सिर्फ क्षेत्र की समस्या का निराकरण करने का आश्वासन देकर चले जाते हैं ,फिर उसके बाद गांव को देखने तक नही आते हैं। गांव के लोगों को वर्षों से सड़क के पक्कीकरण होने का राह जोहते-जोहते सब्र का बांध टूट गया और सब्र टूटने के बाद बाजितपुर के ग्रामीणों ने सड़क पर धान की रोपनी करके विरोध जताया है। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा सड़क किस काम का जो सिर्फ कहने का सड़क हो, इससे अच्छा तो खेत खलिहान है। जहां पैदल चलने में कोई परेशानी नहीं होती। बाजितपुर के ग्रामीण ने तो सड़क की बदतर हालत को देखकर सड़क पर ही खेती करना शुरू कर दी, अब देखना यह है कि यहां की मूलभूत समस्या को लेकर स्थानीय से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व पदाधिकारियों का ध्यान इस ओर जाता है या नहीं।इतना सब होने के बाद भी लोगों के समस्या का समाधान होगा या फिर जस का तस ही रहेगा।
बताते चलें कि बीते सप्ताह रोह प्रखंड के सिउर - रोह मुख्य पथ पर लोगों ने धान की रोशनी कर विरोध जताया था और अब उससे प्रभावित होकर गोविंदपुर प्रखंड के बेलवा गांव के ग्रामीणों ने भी गलियों में धान की रोपाई कर विरोध जताया था। इसी कड़ी को देखते हुए अब नरहट प्रखंड के लोग भी यह तरीक़ा अपनाया है ।