मिथिला हिन्दी न्यूज :-सवेरा कैंसर एंड मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉ वी पी सिंह ने कहा कि वर्ल्ड हेड एंड नेक कैंसर डे के अवसर पर सिर और गर्दन के कैंसर का मुख्य कारक शराब और तंबाकू सेवन को बताया। डॉ सिंह ने कहा कि निया भर में अकेले सिर्फ भारत में ही लगभग 60 प्रतिशत सिर और गर्दन के कैंसर (हेड एंड नेक कैंसर) के केसेज मौजूद हैं। यदि वर्तमान में यही स्थिति रही, तो भारत में हेड और नेक कैंसर से पीड़ित लोगों की संख्या 2030 तक दोगुनी हो जाएगी।
डॉ सिंह ने कहा कि यह रोग स्मोकलेस तंबाकू गुटका, पान, खैनी, सुरती और सुघनी मंजन के द्वारा उपयोग से होता है। चबाते समय लार का स्राव अधिक होने से बार-बार थूकना पड़ता है। इस तरह थूकने से कोविड-19 वायरस का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। वहीं बीड़ी और सिगरेट के पीने से लंग्स कमजोर होते हैं। यदि ऐसे लोगों के कोरोना से संक्रमित होने पर यह वायरस खतरनाक ढंग से अपना प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि लगभग 4000 जहरीले तत्व तंबाकू में होते हैं। इसकी वजह से दांतों का सडऩा, मसूड़ों का रोग, मुंह से बदबू आने के साथ दांत बदरंग होते हैं। नियमित सेवन करने से असमय बालों का झडऩा आंखों में कांटेक्ट, हृदय की बीमारी, पेट में गैस्ट्रिक अल्सर, खून की बीमारी, नपुंसकता आदि का भी खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं के कम वजन के बच्चे होने की शिकायत होती है। देश में हर साल 80 हजार से एक लाख तक मुख कैंसर के मामले सामने आते हैं। इससे बचने के लिए अपने जीवन से तंबाकू और शराब का त्याग करना होगा। इसके लिए हमें प्रण लेना होगा।