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प्रभात सरसिज का दो नया काव्य-संकलन प्रकाशित : “मुल्क में है आपाधापी” एवं “आवारा घोड़े”

अनूप नारायण सिंह 

मिथिला हिन्दी न्यूज पटना (14 जुलाई 2020) : हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि प्रभात सरसिज का दो नया काव्य-संकलन प्रकाशित हुआ है. “मुल्क में है आपाधापी” एवं “आवारा घोड़े” नाम के दोनों नये काव्य-संकलनों का प्रकाशन अमेजन के माध्यम से किया गया है. पूर्व में भी उनके “लोकराग” एवं “गजव्याघ्र” नाम के दो काव्य-संकलन प्रकाशित हो चुके हैं.

प्रभात सरसिज भारतीय हिंदी कविता के उन कवियों में हैं, जिनकी कविताएँ मनुष्य-जीवन के संत्रास को एकदम अलहदा तरीक़े से उद्घाटित करती हैं। इन कविताओं को गुने-बुने-रचे जाते वक़्त कवि के भीतर-बाहर किसी तरह का असमंजस नहीं रहता, ना किसी तरह की झिझक रहती है कि ये कविताएँ कौन-सा पाठक, कौन-सा श्रोता या कौन-सा आलोचक पसंद करेगा। एक पाठक, एक श्रोता, एक आलोचक के भीतर-भीतर यह असमंजस चलता रहता है कि अब प्रतिरोध के कवि धीरे-धीरे ख़त्म होने को हैं, तो प्रभात सरसिज जैसे कवि प्रतिरोध को अपना आभूषण बनाए भारतीय हिंदी कविता में बिंदास बुल-टहल-घूम रहे हैं.

मुक्तिबोध परम्परा के कवि प्रभात सरसिज ने 500 से भी ज्यादा कविताओं की रचना की है. बिहार के गिद्धौर गाँव में जन्मे एवं पले-बढ़े प्रभात सरसिज वर्तमान समय में पटना में रह रहे हैं. उन्होंने जीवन के कुछ वर्ष कविगुरू रवीन्द्रनाथ टैगोर की कर्मभूमि शांतिनिकेतन में भी गुजारे हैं.

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