आलोक वर्मा
नवादा : पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार बने बिहार आईकॉन एवं चेंज मेकर चुने गए। इनके इस उपलब्धि से नवादा डाकविभाग कर्मचारियों में काफी खुशी देखी जा रही है । विभागीय लोगों ने इन्हें शुभकामना देते हुए कहा ये अपने कर्तव्य ,निष्ठा ,बहुमुखी व्यक्तित्व, उत्कृष्ट नीति और उच्च विचारों को लेकर ही उन्हें बिहार के आईकन चुने गए। उनकी उपलब्धि नवादा के लिए अत्यंत ही गर्व की बात है। नवादा में डाक के अलावे शिक्षा, स्वास्थ्य केंद्र, विकलांग कैंप ,कृषि ,ग्रामीण विकास में अनेकों अनेक काम उनके द्वारा किया गया है ।
बुंदेलखंड उप डाक अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने कहा यह बताना महत्वपूर्ण है कि श्री अनिल कुमार डाक विभाग के विभिन्न पदों पर पदस्थापित रहकर अपनी नई सोच ,कर्मठता, कर्तव्यनिष्ठा एवं उच्च विचारों के माध्यम से विभाग को नई ऊंचाई तक ले जाने में सफल रहे। पासपोर्ट बनवाने में हो रही असुविधा को केंद्रित करते हुए बहुत सारी डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र का स्थापना किया। मुख्य प्रधानमंत्री के उज्वला योजना को सफल बनाने के लिए उन्होंने लगभग सभी डाकघरों में एलईडी बल्ब, पंखा और ट्यूबलाइट उचित और सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने की उत्तम व्यवस्था किया। जल संकट की स्थिति से उबरने के लिए उन्होंने विभिन्न डाकघरों में वर्षा जल संचयन का निर्माण करवाया ।साथ ही डाकघरों द्वारा गंगा जल वितरण को शुरू किया। कोविड-19 लॉकडाउन के शुरुआत से लेकर आज तक पार्सल , विशेष दवाई का पार्सल जरूरतमंदों तक कम से कम समय में पहुंचाने के लिए सभी उचित व्यवस्थाएं भी किया। लॉकडाउन के दौरान प्रत्यक्ष लाभ डीबीटी का पैसा प्रत्येक आदमी के घर तक पहुंचाने के लिए एइपीएस आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम की भी व्यवस्था करवाई गई। बिहार को कोई भी बच्ची सुकन्या समृद्धि खाता से वंचित न रह जाए इसके लिए उन्होंने सुकन्या समृद्धि का खाता स्पेशल ड्राइव चलाया और बहुत बड़ी संख्या में खाता खोला गया।
श्री कुमार ने सिर्फ डाक विभाग को ही एक नई ऊंचाई और दिशा प्रदान नहीं किया ,बल्कि इनका कार्य एवं योगदान अन्य क्षेत्रों में भी अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने नई तकनीक के जैविक कृषि तथा देशी गाय को बढ़ावा दिया और अन्य लोगों को इस काम के लिए प्रोत्साहित किया और जोड़ा ।जिससे लोग को स्वरोजगार का नया -नया विकल्प मिला। चौराहा गांव में इन्होंने किक फार्म का निर्माण करवाया बिहार को हरित विहार बनाने के लिए बड़े पैमाने पर विचार ओपन भी करवाएं ।एक लाख पर लगाने के निर्धारित लक्ष्य में भी अभी तक करीब 45 से ₹50000 तक पेड़ लगाए जा चुके हैं साथ ही विकलांगों के लिए कैंप लगाकर उनका इलाज करवाया गया । उत्तम जैविक खेती तथा देशी गाय पर लगातार काम कर रहे हैं ।उन्होंने कमजोर असहाय और शिक्षा से वंचित वर्ग बच्चों एवं बच्चियों को शिक्षा एवं शिक्षा के साधन मुहैया करवाने में हर संभव मदद किया। बिहार के बहुत सारे छात्र उनके प्रोत्साहन और दिशा निर्देश से अपनी नई ऊंचाई को छू रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उन्होंने संबोधित पब्लिक स्कूल की स्थापना पटना में सन 2002 में किया। साथ ही मुफ्त कोचिंग एवं मोटिवेशनल सेंटर भी लगातार चला रहे हैं।बापू इन बिहार पर कई किताब लिखे हैं। स्वच्छ भारत और महिला सशक्तिकरण की दिशा इनका प्रयास सराहनीय है ।इनके प्रयास और दिशानिर्देश से बिहार डाक विभाग में बहुत सारे डाकघरों में ऑटोमेटिक सैनिटरी में नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाए जा चुके हैं।