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प्राकृतिक चिकित्सा गरीब देशों के लिए वरदान-प्रोफेसर जेना

अमित कुमार यादव 

मिथिला हिन्दी न्यूज शाहपुर पटोरी : जी एम आर डी कॉलेज, मोहनपुर, आर एल एस वाय कॉलेज, बख्तियारपुर और वाय एन कॉलेज, दिघवारा,सारण के राजनीति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को द्वितीय वेब लेक्चर सीरीज का द्वितीय वेब लेक्चर " हमारी अपनी जीवनधारा: आज की स्वास्थ्य समस्याएं की निदान" विषय पर आयोजित की गई। अध्यक्षता सह स्वागत भाषण वेब लेक्चर सीरीज के आयोजक प्रधानाचार्य डॉ घनश्याम राय ने करते हुए सभी श्रौतविदों, अतिथियों, शिक्षकों, शोधार्थियों, छात्र एवं छात्राओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हमारी जिंदगी उस नाव की तरह है जो समय की धारा में अपने आप बहने लगती है। हम एक निश्चित दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन कभी कभी समय की धारा अपने हिसाब से हमारी नाव का रूख मोड़ देती है। कहा कि आज पूरा विश्व इसी प्राकृतिक प्रक्रिया के दौर से गुजर रहा है। यह जरूरी नहीं है कि हमें जिंदगी में सबकुछ हासिल हो जाए लेकिन इसका अर्थ यह भी नहीं कि हमें जिंदगी में कुछ हासिल नहीं होगा। कार्यक्रम की सह संयोजक सह संचालन वाय एन कॉलेज, दिघवारा की राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अनुप्रिया ने किया। राजनीति विज्ञान विभाग, नोर्थ उड़ीसा विश्वविद्यालय, तख्तपूर,बाड़ीपदा, उडीसा की शोधार्थी सह सहायक प्राचार्य, राजनीति विज्ञान विभाग, चाड़ीगड़ महाविद्यालय, तेलकोई, क्विनजड़, उडीसा की मोनालिजा प्रधान ने विषय प्रवेश करते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक ईमानदार कोशिश शुरू करें और जिंदगी को अपने तरीक़े से चलने दें। राजनीति विज्ञान विभाग, उत्कल विश्वविद्यालय, उडीसा के सेवानिवृत्त प्राध्यापक सह मुख्य वक्ता डॉ सुधीर चंद्र जेना ने बीज वक्तव्य देते हुए कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति एवं दर्शन है। जिसमें स्व चिकित्सा अनाक्रामक आदि कहीं जानेवाली छद्मवैज्ञानिक क्रियाकलापों का उपयोग होता है। प्राकृतिक चिकित्सा लोक चिकित्सा पर आधारित है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में प्राकृतिक भोजन, विशेषकर ताजे फल तथा कच्ची व हल्की पकी सब्जियां विभिन्न बीमारियों के ईलाज में निर्णायक भूमिका निभाती है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति निर्धन व्यक्तियों एवं गरीब देशों के लिए विशेष रूप से वरदान है। 
प्रश्नोत्तरी सत्र का संचालन संयोजक डॉ सरिता कुमारी ने किया। प्रोफेसर वकील कुमार, अश्विनी कृति, आर बी चौधरी, अवधेश कुमार मिश्रा, डॉ बिपिन कुमार मेहता ने सारर्गभित सवाल पूछे। महाविद्यालय के शिक्षकों के साथ-साथ डॉ शिवानी भारद्वाज, भागलपुर, सुमन कटारिया, दिल्ली, मीनाक्षी शर्मा, उत्तर प्रदेश, डॉ विनय, डॉ राजबली, डॉ सुमन, विभाकर,डॉ रंजीत पासवान,डॉ अमरनाथ प्रसाद, डॉ अभयानंद सुमन आदि उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन जी एम आर डी कॉलेज के दर्शन शास्त्र विभाग के सहायक प्राचार्य दिनेश प्रसाद ने किया। राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा प्रधानाचार्य डॉ घनश्याम राय के द्वारा की गई।

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