मिथिला हिन्दी न्यूज :- आज के आधुनकीकरण में इस तरह घुल मिल गए है लोग कि उनको सही और गलत का पता ही नहीं चल पाता।
एक तरफ हम सभी आधुनिक विज्ञान के चंगुल में इस तरह फस चुके है कि इसी को जीवन का आधार मानने लगे है।
वास्तविकता तो यह है कि आधुनिक विज्ञान के बल पर जीवन त्राहि त्राहि होने लगा है, फिर भी मानने को तैयार नही।और विज्ञान को सहजता से स्वीकारने लगे है।
विज्ञान ने ऐसा कोई भी कार्य नही किया जिसका आधार शास्त्र में न हो, परंतु विज्ञान का चलने का रास्ता अलग हो गया है। और यह रास्ता मानव जीवन एवं पर्यावरण के लिए बहुत ही खतरनाक बनते जा रहा है।
इस सृष्टि कल्याण हेतु हमारे शास्त्रों में प्राचीन ऋषि मुनियों द्वारा बहुत सोध करने के बाद लिखा जा चुका है, जिसे समय रहते हुए समझने की जरूरत है।
हमे पता है कि आज आधुनिक विज्ञान सब कुछ पता होने के वावजूद शास्त्र के बातो को मानने को तैयार नही, एक जिद्दी की तरह।
विज्ञान चाहे जितनी तरक्की कर ले परंतु आज के आधुनिक विज्ञान में वह क्षमता अभी तक नहीं कि ये 360 डिग्री से बाहर निकाल जाय।
यह मै मानता हूं कि कुछ लोगो के द्वारा हमारे सनातन धर्म शास्त्र, ज्योतिष शास्त्र को गलत दिशा में ले जाया जा रहा है जिसका संदेश लोगो के मन में अविश्वास पैदा कर रहा है, इसका मतलब यह नहीं कि हमारे धर्म शास्त्र या ज्योतिष शास्त्र गलत हो।
धर्म शास्त्र या ज्योतिष शास्त्र को अपने स्वार्थ के कारण संदेश पहुंचाने बाला व्यक्ति गलत हो सकता है।
आज मै धर्म शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र को गलत कहने वाले व्यक्ति को या आधुनिक विज्ञान को खुलेआम चुनौती देता हूं।
और यह बात में अपने धर्मशास्त्र और ज्योतिष शास्त्र पर पूर्ण विश्वास के साथ कहता हूं।