मिथिला हिन्दी न्यूज :-पटना के राजीव नगर के गुलशन से बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत बनने तक का सफर कभी आसान नहीं रहा। सफलता और सुख के साथ असफलता, दुख और रोष भी जिंदगी का हिस्सा हैं लेकिन यह कभी कबूल नहीं किया जा सकता कि सफल व्यक्ति को किसी दूसरे ने अपने फायदे के लिए नुकसान पहुंचाए। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का मामला जिस प्रकार से लगातार उलझता जा रहा है, उसने हर आम बिहारी को झकझोर दिया है। एक ऐसा युवा अभिनेता, जिसने पटना से जाकर मुंबई में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया हो। जिसने अपने छोटे से फिल्मी करियर में ही शानदार अभिनय के जरिए अपने करोड़ों प्रशंसक बना लिए हों। जिसके अच्छे व्यवहार के चर्चे हर कोई करता हो और जिसकी फिल्में खूब सफल हो रही हो, आखिर वह आत्महत्या यूंही कैसे कर लेगा? यह सवाल आम बिहार के लोगों के साथ हर उस इंसान से जुड़ा है जो मेहनतकश है। मुंबई पुलिस की जांच की दिशा चाहे जिस तरफ जा रही हो, उनके पिताजी ने जिस साजिश की तरफ इशारा किया हो, इन स्थितियों को अब साफ किए जाने की जरूरत है। इसलिए, अब एक स्वच्छ जांच की जरूरत है। अगर महाराष्ट्र सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं हो रही है तो फिर बिहार में दर्ज हुए मामले के आधार पर इसकी सीबीआई जांच की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। यह बिहार के जनमानस की सोच है। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी भी स्पष्ट चाहते हैं कि चाहे जो भी हो, सुशांत के दोषियों का खेल भी बाहर आने चाहिए और सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या के मार्ग पर धकेलने वालों को कानूनी तरीके से सजा भी मिलनी चाहिए।