मिथिला हिन्दी न्यूज :- विश्व प्रसिद्ध हरिहरनाथ मंदिर और एशिया के सबसे बड़े पशु मेले के कारण विश्व मानचित्र पर अपनी पहचान बनाने वाला सोनपुर विधानसभा क्षेत्र आजादी के समय से ही दिग्गज राजनेताओ का चुनाव क्षेत्र रहा है.राजनीति में यह आम चलन है कि अनुसूचित जाति का कोई नेता अपने लिए सुरक्षित सीट खोजता है. पार्टियां भी सामान्य सीट पर दलित नेताओं को चुनाव लड़ाने से बचती हैं. लेकिन, रामसुंदर दास विरले उदाहरण हैं. उन्होंने सामान्य सीट पर न केवल चुनाव लड़ा, बल्कि जीते भी. दास प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे. वह दलित समुदाय में जितने लोकप्रिय थे, उतने ही दूसरी जातियों के लोग भी उन्हें आदर देते थे. 1977 में जनता पार्टी ने सोनपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था.
उनके खिलाफ भाकपा के धुरंधर सिंह खड़े थे. रामसुंदर दास को 40 हजार 747 वोट मिले. दूसरे स्थान पर भाकपा रही, जिसके प्रत्याशी को आठ हजार 737 वोट मिले थे. हालांकि इसके पहले 1967 में भी रामसुंदर दास ने पातेपुर से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गये थे. स्व दास की 1977 में हुई जीत का आज भी उदाहरण दिया जाता है.सम्प्रति राजद के डॉक्टर रामानुज प्रसाद राय यहां से विधायक हैं उन्होंने वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार विनय कुमार सिंह को मात दी थी इस चुनाव में राजद उम्मीदवार को 86082 मत व भाजपा उम्मीदवार को 49686 मत मिले.2010 के चुनाव में सोनपुर में भाजपा के विनय कुमार सिंह ने राबड़ी को 20685 मतों से हराया.1985 में यहाँ से लालू यादव भी बिधायक चुने गए थे.यादव और राजपूत बहुल्य इस बिधानसभा में इस बार भाजपा की तरफ से विनय कुमार सिंह टिकट के प्रबल दावेदार हैं यहां से विधायक रह चुके हैं भाजपा में भी इनकी जबरदस्त पकड़ है पर सोनपुर से ही जमींदार लगन देव सिंह उर्फ राजा बाबू के पुत्र वरिष्ठ अधिवक्ता ओम कुमार सिंह भी भाजपा के टिकट की जुगाड़ में लगे हैं ओम कुमार सिंह एनडीए के पुराने कैडर रहे हैं भाजपा के साथ साथ जदयू में भी उनके समर्थक हैं. पर टिकट किसी एक व्यक्ति को ही मिलना है विनय कुमार सिंह ओम कुमार सिंह दोनों क्षेत्र में सक्रिय हैं. बात राजद की करें तो सिटिंग विधायक डॉक्टर रामानुज प्रसाद राय के सामने भी टिकट के प्रबल दावेदार के रूप में पूर्व विधायक राजकुमार राय के पुत्र राजन यादव खड़े हैं. राजन यादव की लालू परिवार में डायरेक्ट एंट्री है पिछले बार भी टिकट के दावेदार थे पर उन्हें मना लिया गया था इस बार आश्वासन मिला है क्षेत्र में उनकी सक्रियता काफी ज्यादा है. टीम तेजस्वी के सदस्य हैं डॉक्टर रामानुज प्रसाद राय के विकल्प के तौर पर राजन कुमार राय को देखा जा रहा है वैसे राजद के एक अन्य उम्मीदवार रमेश यादव भी क्षेत्र में घूम रहे हैं उनके भी समर्थक क्षेत्र में हैं. मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी की पिंकी साहनी भी क्षेत्र में सक्रिय हैं साथ ही साथ कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी रहे अजय कुमार सिंह भी सोनपुर में अपने लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं कई सारे नए चेहरे इन दिनों क्षेत्र में नजर आ रहे हैं कोरोना काल है बावजूद इसके चुनावी गहमागहमी बढ़ी हुई है. इस विधानसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला राजद व भाजपा के बीच में होना है राजद को अपने आधार यादव मुस्लिम और दलित वोटों का सहारा है जबकि भाजपा को स्वर्ण व दलित वोटों का सहारा है पिछली बार जदयू से अलग लड़ी भाजपा को जदयू का साथ मिलने के बाद अल्पसंख्यक अति पिछड़ा मतों का भी साथ मिल सकता है. सोनपुर विधानसभा क्षेत्र से ही आने वाले बिस्कोमान चेयरमैन सुनील कुमार सिंह को विधान पार्षद बनाए जाने के बाद राजपूत मतदाताओं का भी रुझान राजद की तरफ बढ़ा है यह अब कितना वोट में तब्दील हो पाएगा यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा।