सचिव,कृषि विभाग एवम् कृषि निदेशक से कालाबजारी की सूचना एवं निर्देश के आलोक में जिला पदाधिकारी डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे ने वरीय पदाधिकारियों की कमिटी बनाकर जांच के आदेश दिए थे।
पप्पू कुमार पूर्वे पत्रकार
मधुबनी:सचिव, कृषि विभाग एवं कृषि निदेशक, बिहार पटना से प्राप्त निर्देश के आलोक में जिला पदाधिकारी मधुबनी के द्वारा जिले के खुदरा उर्वरक विक्रेताओं द्वारा 1 अप्रैल 2020 से 31 जुलाई 2020 के बीच एक ही आधार पर बड़ी संख्या में उर्वरक की बिक्री से संबंधित टॉप 20 उर्वरक खरीदार की सूची की जांच प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी के साथ 2 सदस्यीय दल गठित कर कराया गया । जिसमें पाया गया कि खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के द्वारा किसानों को जमीन के अपेक्षाकृत बहुत ही ज्यादा मात्रा में किसानों के नाम से उर्वरकों की बिक्री पीओएस मशीन में दर्ज की गई है । जो उर्वरकों की कालाबाजारी में संलिप्तता को प्रदर्शित करता है। इस संबंध में जांच दल के द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन में वर्णित आरोप के आलोक में एक प्रतिष्ठान के विरुद्ध (मैसर्स- किसान खाद बीज भंडार, रिटेलर आईडी- 833076, प्रो0 श्री बलदेव मंडल, ग्राम- धरहरा, पोस्ट- महादेव मठ, प्रखंड- लौकही जिला- मधुबनी,) प्राथमिकी दर्ज की गई तथा 5 प्रतिष्ठानों यथा
1- मै0 मां अंबे फर्टिलाइजर, रिटेलर आईडी 418384, प्रो0- पंकज कुमार, ग्राम + पोस्ट + प्रखंड - बासोपट्टी
2- मैसर्स ओम ट्रेडर्स, रिटेलर आईडी 447975, प्रो0 महेश कुमार सिंह, ग्राम +पोस्ट +प्रखंड- कलुआही
3- मैसर्स जगदंबा ट्रेडर्स, रिटेलर आईडी 544996, प्रो0 - परमेश्वर प्रसाद गुप्ता, ग्राम+ पोस्ट तेनुआही चौक, प्रखंड- लदनिया
4-गणेश खाद बीज भंडार, रिटेलर आईडी 434533 प्रो0- गणेश प्रधान, ग्राम- तुलापतगंज प्रखंड- झंझारपुर
5- मैसर्स गुप्ता फर्टिलाइजर, रिटेलर आईडी 485371, ग्राम+पोस्ट -पट्टी चौक, जयनगर
के अनुज्ञप्ति को उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 के सुसंगत धाराओं के तहत रद्द कर दिया गया है। इसके अतरिक्त जिले में उर्वरक की तस्करी व कालाबाजारी करने के आरोप में लदनिया प्रखंड के दो उर्वरक प्रतिष्ठानों यथा सीता खाद बीज भंडार, प्रो0 ललित यादव एवं एक बिना अनुज्ञप्तिधारी के ऊपर प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिला पदाधिकारी, मधुबनी, के द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी, मधुबनी को निर्देश दिया गया कि किसानों को उचित मूल्य पर यूरिया एवं अन्य उर्वरक उपलब्ध कराने की दिशा में निरंतर छापामारी की कार्यवाही करते रहेंगे एवं किसी भी उर्वरक प्रतिष्ठान के द्वारा कालाबाजारी और तस्करी तथा निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरकों की बिक्री करने पर तत्काल उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्रवाई करेंगे।