आलोक वर्मा / अनुराधा भारती
नवादा : नवादा जिले के अंतर्गत कौआकोल प्रखंड में लोकतंत्र की खूबसूरती ले लिए अतिआवश्यक मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए निर्वाचन आयोग और प्रशासन भले ही हर सम्भव प्रयास कर रही है,लेकिन यह अपील नेताओं की कारगुजारियों के कारण खटाई में पड़ती नजर आ रही है। अब आम जनता नेताओं के पुराने खोखले वादों को उन्हें याद दिलाकर साफ कह रही है ,कि रोड नहीं तो वोट नहीं। इतना ही नहीं बाकायदा वोट न मांगने के लिए गांव के बाहर बोर्ड भी टांग दिया गया है।
मामला नवादा संसदीय क्षेत्र के गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र का है,जहां विकास की गाथा अब जनता द्वारा लगाया गया बोर्ड उगल रहा है। यह फैसला नवादा जिले के उन निवासियों का है,जो जिला मुख्यालय से महज तीस किलोमीटर की दूरी पर कौआकोल प्रखण्ड के खड़सारी ग्राम पंचायत में रहते हैं। उन्होंने इस बोर्ड पर साफ लिखा है कि रोड नहीं तो वोट नहीं। दरअसल, मतदाताओं का कहना है कि यहां आज तक कभी सड़क ही नहीं बना है। इस गांव को नेताओं और प्रशासन ने भी हर स्तर से अनदेखा किया है। यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि वोट मांगने के समय नेताजी आते हैं और जब काम करने की बारी आती है तो पल्ला झाड़ निकल लेते हैं। उन्होंने कहा कि गांव में सड़क बनवाने के लिए कई अधिकारियों के पास गए,लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिल सका। वहीं,अब विधानसभा चुनाव में सरकार विकास की गाथा गा रही है , लेकिन विकास को अब जनता रोड पर लाकर आईना दिखाने का कार्य कर रही है। "रोड नहीं तो वोट नहीं" ठीक सुना आपने ऐसी ही कुछ आवाजें कौआकोल प्रखण्ड के खड़सारी ग्राम पंचायत में सुनाई दे रही हैं। जहां के लोग आज़ादी के 74 साल बाद भी मूल भूत सुविधाओं से वंचित हैं,और अपने वोट को हथियार बना कर सड़क और स्वास्थ्य सेवाओं की मांग कर रहे हैं कि जब तक रोड नहीं बनेगा तो वोट भी नहीं देंगे। जिससे राजनैतिक पार्टियों में हड़कम्प मचा हुआ हैं। वहीं इस सम्बंध में कौआकोल बीडीओ संजीव कुमार झा का कहना है कि सड़क की समस्या से सबंधित विभाग के वरीय अधिकारियों से अवगत करा दिया गया है। बहुत जल्द ही आदेश पारित होने के बाद सड़क निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। उन्होंने मजबूत लोकतंत्र की स्थापना कर लिए मतदाताओं से भी वोट बहिष्कार नहीं करने की अपील की है।