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बिहार-झारखंड बॉर्डर स्थित समेकित जांच चौकी से इंट्री माफियाओं का काला खेल जारी , लाखों रुपये की सरकारी राजस्व का प्रतिदिन होता है गोरखधंधा




आलोक वर्मा /अनुराधा भारती 
नवादा : नवादा जिले के अंतर्गत रजौली अनुमंडल स्थित समेकित जांच चौकी पर बिहार - झारखंड से आने-जाने वाले वाहन चालकों से इंट्री माफिया अपना खेल लगातार जारी है । नवादा जिला इन दिनों इंट्री माफियाओं के आतंक से जूझ रहा है़ । बॉर्डर पर वाहन मालिकों से इंट्री माफियाओं का खेल आरंभ हो जाता है़। इससे राज्य सरकार को प्रतिमाह करोड़ों-करोड़ के राजस्व का चुना लग रहा है़। वजह यह है कि इंट्री माफियाओं और अधिकारियों के गठजोड़ में लोहा , कोयला,गिट्टी लदे ट्रक के अलावे ओवर लोड ट्रक व कंटेनर को नवादा जिले से पार कराया जाता है़ । इसके एवज में ट्रक चालकों से मोटी रकम वसूली जाती है़ ।जाहिर है कि इस गोरखधंधे में इन्हें प्रतिदिन लाखों की कमाई हो रही है़। इस प्रकार बिहार से कालाबाजारी के सरकारी चावल के और अन्य सामन भेजे जाते है़ ।वहीं झरखण्ड से आने वाले बालू, गिट्टी कोयला ,लोहा ओभर लोड बिहार ,पटना पहुंचते ही इंट्री माफिया के लिए यह सोने में तब्दील हो रहा है़। हैरानी की बात यह है कि इस मामले में अधिकारी भी कुछ बोलने से कतराते है़। झरखण्ड - बिहार  पर बॉर्डर के होटल में बॉर्डर इंट्री माफियाओं का अघोषित कार्यालय संचालित हो रहा है़ । इंट्री के धंधे में अब सफेदपोश भी अपना दाव आजमाने से पीछे नहीं हट रहे है।चक्करमारी के होटलों में बैठकर इंट्री का चक्कर चला रहे है। इस धंधे में कई गुट के लोग लगे हुए है़ ,जानबूझ कर झारखण्ड क्षेत्र में कार्यालय संचालित होते है, ताकि किसी भी तरह के जांच पड़ताल के लफड़े से बचा जा सके़। ओवर लोड ट्रक चालक सबसे पहले इन्हीं कार्यालयों में संपर्क स्थापित करते है़।

इंट्री माफियाओं का होता है कोड वर्ड : इंट्री माफियाओं का अपना कोड वर्ड होता है, जिसे ट्रक चालकों से राशि लेकर उन्हें कोड वर्ड दिया जाता है़। नवादा जिले में तैनात परिवहन विभाग के अधिकारियों को कोड वर्ड का पता होता है़ ।जब संबंधित ट्रक चालक रजौली के सीमा पहुंचते है , तो अपना कोड वर्ड बताते है और वहां से बेरोकटोक पार कर जाते है़। जो वाहन बिना कोई कोड के पकड़े जाते है तो उनसे तय जुर्माना वसूला जाता हैं। 

परिवहन विभाग के अधिकारी के प्राइवेट कर्मी के मोबाइल उगल सकता है राज : परिवहन विभाग के अधिकारी के प्राइवेट कर्मी के मोबाइल उगल सकता है इंट्री माफियाओ का राज। एक सवाल यह है की अधिकारी जो अपने साथ दो ,तीन प्राइवेट कर्मी को जीप में ले चेकिंग करते है ,उनको तन्खवाह किस फंड से देते है। क्या सरकार भुगतान करता है या खुद अधिकारी अपनें तन्खवाह से देते हैं यह बहुत बड़ा सवाल है । सूत्र कहता है की उक्त अधिकारी के प्राइवेट कर्मी वड्सप पर नम्बर लेते है ओवरलोड ट्रक का और जब कोई ट्रक पकड़ा जाता है, तो अधिकारी अपने प्राइवेट कर्मी को उसी वक्त फ़ोन करके पता करता है कि पकड़ा गया ओवरलोड ट्रक का नम्बर दिया गया है या नहीं। अगर भूल बस नम्बर उक्त कोड में नहीं रहता है ,तो उसी वक्त उसे सीज कर दिया जाता है। अगर नम्बर रहता है तो उस ओवरलोड ट्रक को छोड़ दिया जाता है…जिस वक्त ट्रक पकड़ा जाता है, तो उसी वक्त इंट्री माफिया उस अधिकारी को/या प्राइवेट कर्मी को फ़ोन भी करता है और सीज नहीं करने को भी कहता है। सूत्र कहता है कि इस क्षेत्र में जो कारवाई होता है ओवरलोड इंट्री का वो तो पुलिस करती है न कि परिवहन विभाग के अधिकारी। जबकि ये दायित्व तो परिवहन विभाग के अधिकार क्षेत्र में है।

ग्रामीणों की सूचना का होता है अनदेखी : कुछ ग्रामीणों का कहना था कि अगर ओवरलोड ट्रक पार करने की सूचना परिवहन विभाग को दिया भी जाता है तो बहाना बना देते है और समय पास मोबाइल पर करने लगते है। तब तक ओवरलोड ट्रक बिहार सीमा में प्रवेश कर जाती है। समेकित जांच चौकी रजौली ,थाना रजौली, अकबरपुर थाना ,टाउन थाना ,मुफस्सिल थाना ,दीपनगर थाना, गिरियक थाना ,सूरसराय थाना एवं नवादा माइनिंग एवं परिवहन सभी इंट्री माफियाओं से सांठगांठ में है। माइनिंग का लोकेशन दिया जाता है जैसा कि इंट्री माफिया पत्राचार के अनुसार सभी वाहन मालिकों को लेटर देखकर एंट्री करने को कहा गया है।
नवादा बरेव से इंट्री माफिया का खेल लगातार जारी है़। ओवर लोडेड ट्रक कंटेनर बेरोकटोक पार कराने के नाम पर प्रतिदिन लाखों की वसूली हो रही है़। जो सुलगती कारवाई कि आग पर मैनेजिंग का पानी ढालते है। चंद मिनटों में कारवाई की आग राख बनता है । फिर जो जैसा होता है नियम कानून तोड़ ओवरलोड और ओवर टेक कर मनमानी ढंग से चलता है।
मुखिया जी उर्फ बाबू अरूण लोहार मास्टर माफिया जो इंट्री का मास्टर माइंड है और कोबरा कोड से संचालित है़। एनएच 31 और एनएच राज्य के व्यस्त राज्य मार्गों में शामिल है़। इसी रास्ते एक तरफ कोलकाता ,झरखण्ड तो दूसरी तरफ  बिहार ,नेपाल तरफ वाहनों का परिचालन होता है़। इसमें सबसे अधिक संख्या ट्रक व कंटेनरों की होती है़। चावल, कोयला, लकड़ी, गिट्टी, लोहा आदि के बड़े पैमाने पर इस मार्ग पर परिवहन होता है़। लेकिन अधिक लाभ के चक्कर में ये वाहन चालक परिवहन नियम के अवहेलना कर निर्धारित मात्रा से अधिक वजन लोड करते है़। इसी वजह से मजबूरन जुर्माना से बचने के लिए वाहन चालकों को इंट्री माफिया के संग में जाना पड़ता है़। वाहन चालकों को इससे लाभ तो हो ही रहा है, संबंधित विभागीय अधिकारी भी मालामाल हो रहे है़।

क्या कहते है नवादा एसपी :
नवादा एसपी हरि प्रसाथ एस ने कहा कि जो लोग राजस्व से खिलवाड़ कर ओवरलोड इंट्री का कार्य कर रहे है ,उन लोगो को किसी भी सूरत में बख्सा नहीं जायेगा । अगर इस तरह का शिकायत है, तो बहुत जल्द इंट्री माफियाओ पर कारवाई की जाएगी।

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