गौरतलब है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस से पहले घातक कोरोना वैक्सीन को भारत लाया जाना था! लेकिन इसको लेकर असहमति है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इतनी जल्दी में वैक्सीन लाना उचित नहीं है! जहाँ मानव जीवन शामिल है, वहाँ इतनी जल्दी चलना ठीक नहीं होगा! अनलॉक 4.0 वर्तमान में भारत में चल रहा है। जैसे-जैसे पीड़ितों की संख्या बढ़ती है, वैसे-वैसे मौतों की संख्या भी बढ़ जाती है! लोगों के मन में अब एक ही सवाल, आखिर कब आएगा वैक्सीन? वैश्विक महामारी, चीन के वुहान से, जो पूरी दुनिया में फैल गई है। इसकी उथल-पुथल ने सार्वजनिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया! 90,000 से अधिक लोग अंत में दिनों के लिए भारत में मरून कोरोना से संक्रमित हुए हैं! उम्मीद है, अगले साल मार्च तक वैक्सीन आ जाएगी! केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के शब्दों में आशा की एक झलक है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों को पहले इस टीके की जरूरत है, वे इसे प्राप्त करेंगे। पिछले 24 घंटों में, 94,372 लोग भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। 1114 लोगों की मौत कोविद संक्रमण से हुई। दूसरी ओर, इसी अवधि के दौरान 8,399 लोग बरामद हुए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बुलेटिन के अनुसार, भारत में वर्तमान कोरोना रिकवरी दर 7.6 प्रतिशत है। दूसरी ओर, मृत्यु दर 1.75 प्रतिशत है।बुलेटिन के अनुसार, 13 सितंबर को देश में कुल कोरोना मामलों की संख्या 46,54,357 तक पहुंच गई। कोविद -19 संक्रमण से होने वाली मौतों की कुल संख्या पूरे देश में 8,57 है।दूसरी ओर, कोरोना को खोने के बाद 3 लाख से अधिक लोग अस्पताल से घर लौट आए हैं। कुल संख्या 36,02,595 है।इस बीच, राजधानी दिल्ली में एक नया संक्रमण शुरू हो गया है। यह भयानक है; और लोग भयभीत हैं! केजरीवाल सरकार ने 27 निजी अस्पतालों को बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर कोविद रोगियों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने का निर्देश दिया है।