प्रिंस कुमार
पताही- बिना प्याज और नमक के प्रधानाध्यापक जी खा जा रहे हैं 2 किलो चावल। घबराए मत हम बात कर रहे हैं पताही प्रखंड अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय कोदरिया कि जहां बच्चों के राशन वितरण में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है ।प्रधानाध्यापक द्वारा कक्षा दो से पांच तक के बच्चों को 8 किलो चावल देना था लेकिन स्कूल प्रधान सिर्फ 6 किलो ही चावल दे रहे प्रति छात्र 2 किलो राशन का घोटाला दिनदहाड़े हो रहा है । प्रधान अध्यापक द्वारा बच्चों को आठ किलो वजन की जगह छ: किलो चावल दिया जा रहा है । ग्रामीणों ने इसकी सूचना वरीय अधिकारीयों को दिया है ।प्रधानाचार्य सुरेन्दर प्रसाद ने बताया किलो तराजू का भैलू नहीं है। कंप्यूटराइज्ड कांटा से मैं तौल चुका हूं । मैं सभी बच्चों को 8 किलो चावल दे रहे है। दूसरे किसी चीज पर तौलने का कोई जरूरत नहीं है ।जो मैं दे रहा हूँ वही सत्य है।जब इसकी तहकीकात किया गया तो प्रधानाध्यापक साहब का सुर ही बदल गया ।उन्होंने बताया कि बोरा में वजन कम है इस लिए सात किलो दे रहे हैं ।इशारे में वे सभी बातों को वरीय अधिकारीयों पर सौंप दिए ।
प्रधानाध्यापक खुलेआम घोटाले बाजी कर रहे हैं ।जब चावल को किलो तराजू पर तौला जाता है तो वह सात किलो हो रहा है । स्कूलों में किलो तराजू को मानने को तैयार नहीं है विद्यालय प्रधान । वहीं पूर्व मुखिया सुरेन्द्र पांडे ने इस कार्य का विरोध किया और बोले करोना जैसे महामारी में गरीब के बच्चों के साथ प्रधानाध्यापक कर रहे हैं अन्याय इस महामारी में तो सरकार भी दे रही है मदद। प्रधानाध्यापक जी दो किलो राशन कम देकर गरीबों के साथ अन्याय कर रहे है ।इसके लिए मुझे जहां जाना होगा मैं जाऊंगा। इस गरीब बच्चे को न्याय के लिए जो बच्चे के लिए राशन आया है वह पूरी वजन में मिले नही तो इसके खिलाफ मैं एसडीओ साहब को पत्र लिख कर सूचित करूंगा ।
अब सवाल उठता है कि कोरोणा काल में सरकार गरीब बच्चों के लिए राशन दे रही क्योंकि रोजी रोजगार लोगों के पटरी से उतर गया है और उस राशन को स्कूल प्रधान एवं उनके वरीय अधिकारियों की मिलीभगत से दिन के उजाले में चावल कम दिया जा रहा है ऐसे में सरकार का प्रयास असफल साबित हो रहा है। ऐसे में उन बच्चों के हक पर भी डाका मारा जा रहा है।