मिथिला हिन्दी न्यूज :-मां के बाद अगर जीवन को सही दिशा देने वाला कोई होता है तो वह होता है शिक्षक यानि अध्यापक। पांच सितम्बर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था और इसी दिन को आज शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन किसी भी शिक्षक के लिए बड़ा विशेष होता है क्योंकि जैसे गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरुजनों का वंदन करते हैं वैसे ही शिक्षक दिवस यानि टीचर्स डे के दिन छात्र-छात्राएं अपने अध्यापकों का सम्मान करके मनाते हैं।
मिथिलांचल के पुपरी स्थित प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय के रिटायर्ड शिक्षक रामेश नारायण पाठक वो शिक्षक हैं जिन्हें किसी मान सम्मान की आवश्यकता नहीं है। ये जब प्रोजेक्ट बालिका हाई स्कूल के कार्यरत शिक्षक के रूप में पदस्थापित थे तो वो अपने कर्मभूमि पुपरी के विकास के लिए बिना किसी लोभ के 2000 से गरिब वंचित बच्चों को मुफ्त में शिक्षा हाई-फाई क्लास से सदाचार सीखा रहे थें । वहां के लोगों के अनुसार इसे आत्मसात करने वाले शिक्षा के यह सारथी अवकाश ग्रहण करने के बाद भी गरिब छात्रों मुफ्त शिक्षा देने के साथ ही खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अन्य पाठ्यसहगामी क्रियाओं में बच्चों को तैयार करते थें । शिक्षकों के लिए प्रेरणा बने रामेश नारायण पाठक के सहयोग की तारीफ जहां विभागीय अधिकारी करते थें , वहीं समाज में भी उनकी विशेष छवि है। रिटायरमेंट के बाद वो पटना में गरिब वंचित बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने में लगें हैं। तो आज भी उनके प्रोजेक्ट किया छात्र जो विभिन्न मार्ग पर काम कर रहें हैं। उनके द्वारा दिए गए योगदान को नहीं भुलते हैं।