मिथिला हिन्दी न्यूज :-आलू का उत्पादन पिछले साल से ज्यादा होने के बावजूद लगातार दाम में इजाफा हो रहा है. इस महीने आलू के खुदरा दाम में 50 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है. कारोबारी कहते हैं कि मंडियों में आलू कम आ रहा है जिसके कारण दाम तेज है. आलू ऐसी सब्जी है जिसे लंब समय तक कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है और इसके खराब होने की संभावना कम रहती है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आलू (Potato) का उत्पादन भी 3.5 फीसदी ज्यादा है, फिर भी बाजार में आवक कम है. खुदरा बाजार में आलू 35 से 40 रू. किलो तक बिक रहा है । दुकानदारों का कहना है कि थोक मंडी में सप्लाई कम होने और त्यौहारों की वजह से डिमांड बढ़ने के चलते दाम बढ़ रहे हैं. दूसरी सब्जियां भी महंगी होने के आसार हैं.आपको बता दें मासिक आवक के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल अप्रैल में आलू की आवक 18,103 टन रही जबकि पिछले साल इसी महीने में 36237 टन थी. इसी प्रकार मई में आलू की आवक पिछले साल के 28308.2 टन के मुकाबले 14921.9 टन और जून में 25926.9 टन के मुकाबले इस साल जून में 15946.3 टन रही. कोरोना काल में शुरूआत में तर्क यह भी दिया गया था कि होटल, रेस्तरां और कैंटीन यानी होरेका बंद होने से इसलिए आलू की आवक कम है, लेकिन कारोबारी बताते हैं कि होरेका की मांग करीब 20-30 फीसदी होती है जबकि आवक तकरीबन 50 फीसदी कम है.