अपराध के खबरें

नई शिक्षा नीति मर्ज किए गए विद्यालय की पूर्णवापसी को लेकर प्रेस वार्ता

संवाद 


समस्तीपुर/ताजपुर(आर के राजू):-ऑक्सफेम इंडिया के सहयोग से दलित विकास अभियान समिति द्वरा ताजपुर कार्यालय परिसर में मंगलवार को नई शिक्षा नीति में भेदभाव,असमानता एवं मर्ज किए गए विद्यालय की पूर्णवापसी को लेकर की मांग को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में दलित विकास अभियान समिति के निदेशक धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि शिक्षा में भेद-भाव के कारण महादलित हाशिये समुदाय के बच्चो को जोड़ने के लिए शिक्षा अधिकार अधिनियम को शतप्रतिशत क्रियान्वयन,भेद भाव के कारण महादलित समुदाय के बच्चे शिक्षा से दूर,दोहरी शिक्षा नीति को उजागर करती है |यू -डायस के अनुसार बिहार में 0 से 17 वर्ष के बच्चों की कुल आबादी 4.5 करोड़ है जो यहां कि कुल जनसंख्या का 46 प्रतिशत है। दूसरी तरफ अनुसूचित जाती की आबादी के मामलें में समस्तीपुर का राज्य में चौथा स्थान है, ये करीब 36 प्रतिशत है। परन्तु यू -डायस 2015-16 के रिपोर्ट चौकाने वाले है। रिपोर्ट के मुताबिक जहां 7 वर्ष के उपर के बच्चों में जिला में साक्षरता दर 71.2 प्रतिशत है, वहीं अनुसूचित जाती के बच्चों में यह प्रतिशत मात्र 48.17 है।जिला के विधालयों में आधारभूत संरचना की अपार कमी है। विधालय की बिल्डिंग की बात करें तो यह मात्र 14.1 प्रतिशत है जबकि छात्राओं के लिए 25.4 प्रतिशत ही अलग से शौचालय की व्यवस्था है। डराने वाला सच यह भी है कि केवल 11.4 प्रतिशत ही पीने का पानी पी पाते है। हालांकि, विद्यालय शिक्षा समितियों का गठन 97.3 प्रतिशत स्कूलों में हुआ था, लेकिन केवल 49.1 प्रतिशत स्कूलों में ही साल में 9 बार से ज्यादा विद्यालय शिक्षा समितियों की बैठक होती है।ताजपुर प्रखंड के चकश्याम नगर बाघी मांझी टोला में स्थापित प्राथमिक विद्यालय को सुनियोजित तरीके से राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय गंगापुर तथा प्राथमिक विद्यालय फतेहपुर महादलित टोला वार्ड 10 को मध्य विद्यालय फ़तेहपुर वार्ड 4 में विलय कर नियम की पूरी तरह अनदेखी की गई। यदि हम राज्य की बात करे तो तकरीबन 3850 प्राथमिक विद्यालय जो विशेष रूप से महादलित गांव में स्थित थी उसे ही मर्जर के नाम पर बंद किया गया है ,जिससे हाशिये समुदाय के बच्चो शिक्षा से कट कर बाल श्रम करने पर मजबूर है ,वही सरकार के पास कोई ठोस नीति नहीं है| सरकार ने असैंवधानिक रूप से नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया है जिसमे पूर्व प्राथमिक शिक्षा से उच्च माध्यमिक स्तर की बात किया है जो स्वागत योग्य है ,अपितु सरकारी विद्यालयों के मजबूती और और शिक्षण व्यवस्था की बात नहीं कर निजीकरण और आठवी में बच्चो को फेल कर स्किल डेवेलपमेंट की बात किया जाना नीतिगत अमानवीयता को उजागर करता है इसलिए इस संवाददाता के माध्यम से भेदभाव रहित समावेशी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मांग करती है और जो विद्यालय बंद की जा रही है उसे पुन; पूर्णवापसी की मांग की है।पर ऑक्सफेम इंडिया के प्रबंधक प्रत्युष प्रकाश ,दलित विकास अभियान समिति के परियोजना समन्वयक बबीता कुमारी ,एच आर माधुरी कुमारी,सहित कई सामाजिक एक्टिविस्ट उपस्थित थे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live