सभी लोग अपने वैवाहिक जीवन को पूर्ण रूप से सुखमय बनाना चाहता है। दंपति एक दूजे को वफादार होकर संतुष्टि की ओर बढ़ना चाहता है। इसमें तनिक भी लापरवाही दोनों के बीच जीवन को नर्क बना सकता है। कई घर इसी लापरवाही के कारण बिखरते हुए नजर आ जाते है।
आज जब शिक्षा का काफी विकास हुआ है फिर भी ज्ञान के अभाव में स्वयं को भटका लेते है।यदि ज्योतिषीय विधि से समझा जाय तो अपने साथी को संतुष्टि हेतु आसान बनाया जा सकता है। बहुत ज्योतिषि इस विषय पर जानकारी देने में कटरा जाते है। परंतु मेरा मानना है कि व्यक्ति को मर्यादित रहकर जानकारी देना सही होता है।
हर किसी राशि के जातकों का रोमांस के प्रति व्यवहार और रुचि अलग-अलग होती है। कोई प्यार को लेकर बहुत ज्यादा इमोशनल होता है तो कोई रोमांस में बहुत ज्यादा रुचि नहीं रखता। आइए जानते हैं कि आपकी राशि के अनुसार आप कितने रोमांटिक होने की संभावना होती है।
मेष >
मेष राशि के जातक का विवाह जल्दी हो जाता है। इनका दाम्पत्य जीवन सुखी रहता है। मेष राशि के जातक स्त्रियों को आकर्षित करने की क्षमता के कारण अवैध सम्बन्ध भी बनाये रखते हैं। इस राशि की स्त्रियों को यदि नियन्त्रण में नहीं रखा जाये तो पथ-भ्रष्ट हो जाती हैं। सौन्दर्य प्रियता और कला के प्रति इनके रूझान होने के कारण इनको सरलता से बहकाया जा सकता है।
अधिक देर तक मैथुन इनको अच्छा लगता है। इस राशि के स्त्री पुरूष प्रेम प्रसंग प्रायः गोपनीय रखते हैं। अपने इच्छित स्त्री-पुरूष से इनका प्रेम सम्बन्ध बन जाया करता है। पृष्ठोदय राशि एवं गुणचार होने के कारण इनको पृष्ठ भाग से किया गया मैथुन प्रिय होता है। रात्रिबली राशि होने के कारण रात में ही मैथुन सुख अच्छा लगता है। धातु मज्जा होने के कारण इस राशि के पुरूष स्त्री को गर्भवती शीघ्र बनाते हैं। उसमें शुक्राणु अधिक होते हैं। मेष राशि के जातक की उमर के साथ कामुकता बढ़ती जाती है।
वृषभ>
वृषभ राशि सभी राशियों में सबसे अधिक कामुक राशि है। वृषभ राशि के लोग भावुक प्रवृति और मजबूत रोमांस के मालिक होते है। यह संभोग की कला को बेहतर रूप से जानते हैं। इनका स्पर्श कोमल और उत्तेजना से भरा होता है। इन्हें अधिक समय तक चलने वाले यौन-संबंध पसंद होते हैं। रोमांस के दौरान इन्हें अपने शरीर के सभी इंद्रियों पर प्यार करने के साथ-साथ अधिक चुबन व आलिंगन भी पसंद आता है।
वृष राशि के जातक स्थिर भाव से मैथुन करते हैं, बार-बार आसन नहीं बदलते। रात्रिबली राशि होने से रात्री में ही सम्भोग करना इसे अच्छा लगता है। निवास स्थान खेत या मैदान होने के कारण इनको खुले में ज्यादा सुख मिलता है। इस राशि के जातक का उत्तेजना केन्द्र चेहरे या गले में कहीं भी हो सकता है। प्रायः कंधे पर दांतों का प्रयोग विशेष प्रिय है। इस राशि के पुरूष को अपने पौरूष पर बड़ा घमण्ड होता है। भिन्न राशि से मिलन के बावजूद इस राशि का दूसरी राशि का चतुराई के साथ मेल बैठ जाता है। दाम्पत्य जीवन के सुख में बाधा नहीं पड़ने देते हैं।
मिथुन>
मिथुन राशि के जातक का विवाह शीघ्र हो जाता है, किन्तु इस राशि के पुरूषों में स्त्रीत्व अधिक और स्त्रियों में पुरूषत्व अधिक होता है। अधिकांश के दाढ़ी-मूंछ होते ही नहीं या वहां पर केवल रोम होते हैं। इस राशि की महिला प्रायः अत्यन्त कुशल नर्तकी होती है।
यह विवाह बहुत सोच-समझकर देर से करते हैं। इस राशि के जातकों की कामोत्तेजना का क्षेत्र कमर है। स्त्री के कूल्हों या कमर (बांया भाग) पकड़ने सहलाने से शीघ्र उत्तेजित होती हैं। नंगी जमीन पर सामान्य मानवोचित्त संभोगप्रिय होता है। लिंग स्त्री होने से इनमें विशेष कामवासना नहीं होती है। इस राशि के पुरूषों में स्त्रीत्व की अधिकता होती है। इस राशि के लोग ही ज्यादातर हिंजड़े होते हैं। इस राशि के जातक बड़ी नाजुक-मिजाजी के साथ सम्भोग करते हैं। स्वभाव हंसमुख होता है। व्यभिचारी नहीं होते, एक के प्रति वफादार होते हैं। दाम्पत्य जीवन में कलह या मारपीट नहीं करते, बड़ा आर्दश गृहस्थ जीवन होता है। इस राशि की स्त्रियां आश्विन (सितम्बर-अक्टुबर) माह में गर्भाधान करती है।
कर्क>
कर्क राशि वालों की सहनशीलता गजब की होती है। लिंग स्त्री होने के बावजूद इस राशि के पुरूषों में पौरूष और स्त्रियों में सहनशक्ति गजब की होती है। इस राशि के पुरूष का शरीर नाजुक होता है, किन्तु पंजा मजबूत। स्त्रियों की चाल में मस्ती होती है। इस राशि के स्त्री-पुरूषों को गृहस्थ जीवन बड़ा अच्छा लगता है। घूमने-फिरने का बड़ा शौक होता है। रात्रि बली होने के कारण मैथुन हमेशा अन्धकार में करना पसन्द करते हैं।
सभी प्रकार के चलायमान मैथुन सभी आसनों में करना इनका स्वभाव होता है। अपने नक्षत्रों के कारण समागम में क्रूर, भोगी और हर प्रकार से रूचि रखते हैं। इस क्रिया में सबसे अधिक समय इस राशि के जातकों को ही लगता है। इस राशि के जातक बेहद भावुक होते हैं। मैथुन करते समय अन्य भावुकता भरी क्रियाएं और खूब प्यार करते हैं। प्यार से अपने प्रिय को तर-बतर कर देते हैं। सामान्य तौर पर इनका दाम्पत्य जीवन का यह पक्ष मधुर होता है।
सिंह>
सिंह राशि के जातक प्यार में भरपूर मजे लेते हैं। इनकी सबसे अधिक कामुक फेंटसी प्यार और स्त्रेह से ही संचारित होती है, क्योंकि इन्हें प्यार और सेक्स से अलग नहीं किया जा सकता। सिंह- विश्व की सुन्दरतम महिलाओं की राशि लगभग यही है। इस राशि की महिला का सैक्स अत्यन्त प्रबल होता है। पति को भी अपने ‘अन्दर’ रखने की जबर्दस्त इच्छा होती है। इस राशि के जातकों की कामोत्तेजना का केन्द्र पेट है। प्रायः गुदगुदी से इनको कामोत्तेजना होने लगती है। विभिन्न प्रकार के आसन बदलते हुए क्रिया करने से नफरत इस राशि वालों को नफरत हैं। इस राशि का पुरूष बैठकर ही क्रियारत होना पसन्द करता है।
इस राशि का मैथुन सबसे अधिक ध्वनिमय होता है। यह शीघ्र उत्तेजित होता है और स्त्री को देखकर यकायक टूट पड़ता है। इसकी पत्नी तक नहीं भांप पाती कि यह कब यकायक टूट पड़ेगा? प्रकृतिसम्मत क्रियाओं के अतिरिक्त अन्य प्रकार की क्रियाओं में इनकी रूचि नहीं होती है। अवैध सम्बन्ध के मामले में यह कम रूचि रखता है।
कन्या>
कन्या राशि वाले एक सुयोजित प्रेमी होते हैं। ये जानते हैं कि रोमांस संबंधों में कैसे रोमांच भरा जा सकता है। कन्या रशि के जातक को उत्तेजित करने के लिए एक आरामदायक कक्ष, साफ बैडशीट, सुगन्धित रोमबत्तियों का इस्तमाल किया जा सकता है।
हर कन्या राशि के जातक का एक जंगली रूप होता है जो बाहर से किसी शांत नकाबपोश की तरह दिखता है। कन्या राशि एक मजबूत और स्वतंत्र प्रेमी होते हैं जिन्हें यौन सुख से मात्र परिचित कराने की जरूरत होती है। इन्हें रोमांस के लिए अंतोषीणीय जिज्ञासा होती है जो लंबे समय तक यौन बिस्तर पर यौन क्रिड़ाओं को बढ़ावा देती है। यह संभोग के अतीम सुख को प्राप्त करता है।
तुला>
इस राशि के जातक साधारण रूप-रंग के होते हैं। लड़कियां अत्यन्त चतुर, बुद्धिमान तथा तेजस्वी होती हैं। अपने पति या प्रेमी को जी-जान से प्रेम करती हैं, उसके एक इशारे पर अपनी जान दे सकती हैं। इस राशि के जातक का रोमांस एकदम नपा-तुला होता है। ज्यादा सम्भोग करना, कराना ये लोग पसन्द नहीं करते। बड़ी संयमित और संतुलित रोमांस जीवन जीने वाली यह राशि है। इसकी कामोत्तेजना का केन्द्र नाभि है।
मैथुन कम, पर देर तक करते हैं। जाति वैश्य होने से इनके संभोग में शालीनता होती है। इनकी लिखावट में काट-पीट, संशोधन अवश्य होता है। इनका प्रेम जल्दी प्रकट नहीं होता है। हर काम यह योजना बनाकर करते हैं और पहले साधन तथा वातावरण बना लेते हैं। स्त्री कभी पुरूष के पीछे या पुरूष स्त्री के पीछे नहीं भागता है।
वृश्चिक>
वृश्चिक राशि वाले ऐसे रहस्यमयी और जादुई प्राणी हैं जिन्हें पता है कि उनके लिए क्या सबसे अच्छा है और उसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है? अधिकांश वृश्चिक जातक चुनौतियों को प्यार करते हैं। जो लोग उनका परीक्षण नहीं करते हैं यह उनकी ओर जल्दी आर्कषित हो जाते हैं।
रोमांटिक होने के अलावा वृश्चिक राशि के जातक बहुत केयरिंग और समर्पित प्रेमी भी होते हैं। वृश्चिक राशि के लोग लव व रोमांस लाइफ को तरोताजा करने के लिए नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। अपने जीवनसाथी को आकर्षित करने के लिए नए-नए करतब करते हैं। इस राशि की लड़कियों को भी रोमांस के मूड में लाने के लिए कुछ नए की जरूरत होती है। इस राशि के लोगों को अपने भोजन में खट्टा कम खाना चाहिए।
वृश्चिक राशि वाली महिलाएं रोमांस के प्रति काफी आकर्षित होती हैं| वृश्चिक राशि वाली महिलाओं रोमांस के लिए सबसे ज्याहदा संवेदनशील होती है। धीरे-धीरे स्पर्श एवं मसाज से वो बहुत जल्द उत्ते जित हो उठती हैं। यही कारण है कि वृश्चिक राशि वाली महिलाओं को रोमांस की चरम सीमा तक पहुंचने में काफी समय लगता है।
धनु>
इस राशि के जातक घुमक्कड़ प्रवृत्ति के होते हैं। बिस्तर पर ये सबसे अच्छे माने जाते हैं। ये धीरे-धीरे रोमांस की ओर बढ़ते हैं और अपने साथी के आनंद का ख्याल रखते हुए सम्भोग करते हैं। यह भी देखा गया है कि ये लोग एकरसता से ये बहुत जल्दी बोर हो जाते हैं। इस राशि के जातक रोमांच के दीवाने होते हैं। धनु राशि के लोग धार्मिक विचारों वाले होते हैं। इन लोगों को एकांत में रोमांस करना पसंद होता है।
इन्हेंक अपने घर या शहर की जगह किसी हिल स्टेशन पर जाकर वादियों में रोमांस करना पसंद होता है। इस राशि की लडकियां रोमांटिक संगीत, फिल्मं और बातों को पसंद करती हैं। धनु राशि वाली महिलाएं धार्मिक विचारों वाली होती हैं। इस राशि की महिलाओं को एकांत में रोमांस करना पसंद होता है। धनु राशि वाली महिलाएं लंबे समय तक फोरप्ले पसंद करती हैं। उनके लिए जांघ सबसे ज्यािदा संवेदनशील अंग होता है। जांघ पर स्पर्श करने से वो काफी तेजी से उत्तेाजित हो जाती हैं।
मकर>
मकर राशि वाले शक्तिशाली और समर्पित प्रेमी होते हैं। एक शांत स्वभाव के पीछे एक अत्याधिक कामुक प्रेमी, जो संभोग सुख देने का इंतजार करता है। पृथ्वी की राशि होने के कारण यह लेने और देने दोनों में विश्वास रखते हैं और जो इनसे लेता है वह निश्चित रूप से बिस्तर पर एक अच्छा समय बिताता है। इन्हें ज्यादातर मजबूत और शक्तिशाली प्रेमी पसंद आते हैं।
मकर राशि के लोग एक गहरी और शक्तिशाली कामुकता के स्वामी होते है जो कि सीधी व सरल भी होती है। इनके लिए रोमांस में वरीयताएं ज्यादा महत्व नहीं रखती हैं। यह परम्परागत, निरंतर और सुरक्षित यौन अभिव्यक्ति में विश्वास रखते हैं। इस राशि की कामोत्तेजना का स्थल पैरों में है।
विशेष रूप से पिंडलियों में, उनको कंधे पर उठाकर रखते ही कम्पन के साथ ही कामोत्तेजना बढ़ जाती है। विपरीत पक्ष को यह पूरा निगल जाता है। उत्तर की ओर मुख करके क्रिया में विशेष सुख पाता है। रात्रि में मैथुन करना विशेष प्रिय है। अपनी पत्नी के अलावा यह परायी स्त्री से अवश्य सम्बन्ध रखता है। इस राशि की महिला प्रायः एक-दो सन्तान के पश्चात् अपनी वास्तविक उम्र से अधिक की लगने लग जाती है।
कुंभ>
कुम्भ राशि के जातक प्रणय क्रीड़ा के दौरान ये चाहते हैं कि इनका साथी इन्हें उत्तेजित करे। बाहरी रूप से ये अपनी यौन उत्तेजना कभी प्रदर्शित नहीं करते, पर अन्दर से इनमें यौन भावना बहुत अधिक होती है। सम्भोग के दौरान इन्हें ना सिर्फ शारीरिक संतुष्टि अपितु मानसिक संतुष्टि की भी ज़रूरत होती है। इस राशि का कामोत्तेजना केन्द्र पिंडलियां और घुटने हैं।
इसे दिन में मैथुन करना सुखमय लगता है। परायी स्त्रियों से इसके सम्बन्ध होते हैं, किन्तु वास्तविक प्रेम अपनी पत्नी को ही करता है। इसका तत्त्व आकाश होने से मैथुन के सम्बन्ध में नाना प्रकार की कल्पनाएं करता रहता है। उत्तर दिशा की ओर मुख करके मैथुन करने में ज्यादा सुख पाता है।
मैथुन से पूर्व यह जातक अपनी पत्नी के शरीर के साथ सबसे ज्यादा प्यार करता है। इसके प्रेमपत्र सबसे अश्लील होते हैं। अपनी पत्नी के साथ सार्वजनिक प्रेम प्रदर्शन करता है। इनका दाम्पत्य जीवन मैथुन पर आधारित है। सारा गुस्सा मैथुन की प्राप्ति के साथ हवा हो जाता है।
मीन>
मीन राशि के जातक शरारती होते हैं। बिस्तर पर भी ये तरह तरह की शरारतें करना पसंद करते हैं। ये हमेशा अपनी नयी-नयी तरह की मस्तियों से अपने पार्टनर का दिल जीत लेते हैं। इनके प्यार करने के तरीके में थोड़ा जंगलीपन भी होता है जो साथी को पागल कर देता है।
यह कभी-कभी चंचल रोमांस पसंद करते हैं। अन्यथा यह निस्वार्थ, सहज और अपनी प्रेमी सेवा देने वाली राशि को दर्शाते हैं। इस राशि में उत्पन्न जातकों की आंखें मछलियों के समान गोल, सुन्दर, काली और चमकीली होती हैं। पुरूष सामान्य कद-काठी पर सुन्दर आंखों और छोटे होंठो के स्वामी होते हैं। इस राशि की महिलाओं में वासना होती है, किन्तु अपने पर बड़ा नियन्त्रण करती है। इस राशि के जातकों की कामुकता का उत्तेजना स्थल उनके तलवों में होता है।
स्त्री या पुरूष के तलवे थोड़ा सा सहलाते ही इनकी उत्तेजना बढ़ जाती है। इनका दाम्पत्य जीवन चंचल-सा, अस्थिर, द्विस्वभाव के कारण बड़ा ही क्लेश भरा होता है। प्रायः गर्भाधान चैत्र मास (मार्च-अप्रेल) में होता है तथा इस माह में इनकी काम वासना ज्यादा होती है। उत्तर-पूर्व दिशा में रूख करके यह मैथुन करने में अपने को बराबर सुखद दशा में रखते हैं।