प्रिंस कुमार
जिला शिवहर पिपराही प्रखंड अंतर्गत प्रसिद्ध बाबा भुनेश्वर नाथ महादेव मंदिर का गेट भक्तों के लिए रविवार से खोल दिया गया है जो कोरोना काल में यह गेट बंद कर दिया गया था जिसके करना वहां पर रहने वाले पंडित फुल देने वाले माली एवं छोटे-मोटे दुकानदार लोगों का रोजी-रोटी कमाई का स्रोत सभी बंद हो गया था मंदिर का गेट खुलते ही शिव भक्तों में खुशी का माहौल है वहां पर रहने वाले दुकानदारों पंडित एवं माली भगत का काम का स्रोत चालू हो गया है जिसके कारण आज सभी लोग काफी खुश दिखाई दिय|
जिले के लोक आस्था का केंद्र बाबा भूवनेश्वर नाथ महादेव मंदिर अति प्राचीन है. इस मंदिर का धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण द्वापर काल में किया गया था. एक ही पत्थर को तराश कर इस मंदिर का निर्माण किया गया है.1956 में प्रकाशित अंगरेजी गजट में नेपाल के पशुपतिनाथ व भारत के हरिहर क्षेत्र के मध्य इस मंदिर के होने की बात कही गयी थी. कोलकाता हाई कोर्ट के एक फैसले में भी इस मंदिर को अति प्राचीन बताया गया है. ग्रामीणों की मानें तो इस्ट इंडिया कंपनी के चौकीदारी रसीद पर भी इस मंदिर का उल्लेख मिलता था. मंदिर के पश्चिम भाग में एक तालाब है.
जानकारों द्वारा बताया जाता है कि वर्षों पहले इस जगह पर खुदाई में द्वापर काल की कई दुर्लभ धातु की मूर्तियां प्राप्त हुई थी. जिसे अति प्राचीन मौल वृक्ष के पास स्थापित किया गया है. ग्रामीणों के मानें तो इसके नीचे करीब 12 फिट खुदाई के बाद ग्रेनाइट पत्थर प्राप्त होते है.धार्मिक न्यास बोर्ड से मंदिर को जोड़ने के लिए बिहार सरकार व भारत सरकार को प्रार्थना पत्र भेजा गया. इसके ऐतिहासिक संदर्भ की चर्चा करते हुए इसे जानकी सर्किट व चित्रकुट सर्किट से जोड़ने का पूर्व में प्रयास किया गया हुआ है कहा जाता है कि मंदिर के ऊपर श्री यंत्र लगा है शिव लिंग पर जलाभिषेक के बाद जो भी मन्नतें मानी जाती है. सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.