मोरव/संवाददाता।
समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड के ररियाही पंचायत में सांप्रदायिक सौहार्द के बीच हिंदुओं का महापर्व छठ पर्व संपन्न होता है।इस पंचायत में अधिकांश हिंदू परिवार जहां छठ पर्व संपन्न करते हैं वही कुछ परम श्रद्धालु मुसलमान परिवार भी अपनी मन्नत पूरी होने के बाद छठ पूजा संपन्न करते हैं। हिंदू भाइयों के साथ मिलजुल कर मुसलमान भाइयों एवं मुस्लिम महिला के द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द के बीच संपन्न होने वाले छठ को देखने के लिए दूर दूर से लोगों की भीड़ जुटी हुई रहती है।पंचायत के मुखिया फूलन कुमार सिंह एवं बुजुर्ग ग्रामीणों के अनुसार एक मुसलमान महिला के पति गंभीर रूप से बीमार थे।पति के ठीक हो जाने पर भगवान सूर्य की पूजा करने कि उक्त महिला ने मन्नत मानी थी।इसे चमत्कार कहा जाए या भगवान सूर्य की पूजा मुसलमान महिला के गंभीर रूप से बीमार पति अगले साल के कार्तिक महीना आते-आते पूरी तरह स्वस्थ हो गए थे।तब से उक्त मुसलमान श्रद्धालु महिला द्वारा छठ पर्व की शुरुआत की गई थी। हिंदू महिलाओं के अनुसार ही नहाए खाए के साथ अरवा भोजन करते हुए खरना के दिन दिनभर उपवास रखकर रात्रि में खरना करती है।उसके बाद पूरी तरह उपवास रखते हुए सांध्य कालीन सूरज का अंक देकर फिर सारी रात जागरण करते हुए प्रातः कालीन सूरज को अर्घ देने के बाद एवं छठी मैया की पूजा के बाद ही भगवान छठी मैया का प्रसाद ग्रहण कर महाव्रत पूर्ण करती है। हिंदू एवं मुसलमान भाइयों के द्वारा ररियाही पंचायत में पूरी तरह सांप्रदायिक सौहार्द के बीच संपन्न होने वाले छठ महापर्व को देखने के लिए दूर-दूर के श्रद्धालुओं पहुंच जाते हैं।कतिपय कट्टर लोगों के द्वारा मुसलमान महिला द्वारा की जा रही छठ पर्व की जानकारी पर उन्हें प्रताड़ित भी किया जाने लगा है। इसके बावजूद स्थानीय ग्रामीणों के पूरे संरक्षण एवं पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहने के कारण अब तक किसी भी प्रकार की यातना से छठ पर्व संपन्न करने वाले श्रद्धालु मुसलमान परिवार को बचाया जाता रहा है।सांप्रदायिक सौहार्द के बीच होने वाले ररियाही पंचायत एवं चकपहार पंचायत का भी छठ महापर्व इसीलिए सदा से चर्चा का विषय बना हुआ रहता है।