अब आधुनिक युग में बिजली की चकाचौंध रोशनी में मनाई जाती है दीपावली। पहले मिट्टी के दीपक में तिल का तेल से रोशन होता था घर और आंगन। मिट्टी के दीए बनाने वाला कुम्हार अब लगभग बंद कर चुका है, मिट्टी का दीपक बनाना। क्षेत्र में शास्त्रों और संस्कारों को छोड़ आधुनिक युग अनुसार मनाते हैं लोग दीपावली। मिट्टी के दीपक में तिल का तेल जलाने से वातावरण शुद्ध होता है यह एक वैज्ञानिक कारण भी है। अभी बिजली की चकाचौंध रोशनी और रंगीन बल्बों में लोग अपने आनंद को तलाशते नजर आ रहे हैं। परंतु वह दीपक की टीम टीमाती रोशनी वाला आनंद अब कहां। शायद इसीलिए कुम्हार अब काफी कम मात्रा में दीपक का निर्माण करते हैं। कोई सजग व्यक्ति ही मिट्टी का दीपक लेकर दीपावली का त्यौहार मनाते हैं।