शिवहर-----कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जिले के बागमती नदी पर गंगा स्नान करने को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई है इस बाबत सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमाएं होती है जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर साल में 13 हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है।
आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महा भयानक असुर का अंत किया था और वह त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे ।ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान हो हो जाता है।इस दिन चंद्र जब आकाश में उदित हो रहा हूं उस समय शिवा, संभूति ,संतति ,प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छः कृतिकाओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है।
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर जिले के बागमती नदी घाटों के किनारे छोटा में ताल मिला का भी आयोजन किया गया है बेलवा घाट, डूबा घाट , पिपराही घाट,कोपगढ घाट, मोहारी घाट आदि जगहों पर आदि जगह पर छोटे-मोटे मेले का आयोजन किया गया है जहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई है।