मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक नया कानून लाकर 'अवैध धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम' को लागू करना शुरू कर दिया है।
लाभ जिहाद के अपराध में युवक को गिरफ्तार किया गया है।
क्या हुआ?
कथित तौर पर, एक लड़की का उवास अहमद नामक स्थानीय युवक से प्रेम संबंध था।
लेकिन तथ्य नहीं हैं। तथ्य यह है कि पिछले एक साल से, युवक अपनी प्रेमिका पर धर्म बदलने के लिए दबाव डाल रहा है।
लड़की के पिता ने आपराधिक घटना के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के बरेली के देवरनिया इलाके में स्थानीय युवक के नाम शिकायत दर्ज कराई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारत के नए 'लव जिहाद अधिनियम' के तहत पहले मुस्लिम युवक को गिरफ्तार किया है।
लाभ जिहाद क्या है?
हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि हिंदू महिलाओं को एक योजनाबद्ध और रोमांटिक तरीके से शादी करके जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
विवाह के माध्यम से धर्मांतरण की यह प्रक्रिया 'लव जिहाद' है।
इस साल नवंबर में, उत्तर प्रदेश 'जबरन' या 'कपटपूर्ण' धर्मांतरण के खिलाफ कानून पारित करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया।
पता चला कि उवास अहमद ने भी लड़की को प्रेम जाल में फंसाकर उसका अपहरण किया। पुलिस द्वारा लड़की को छुड़ाए जाने के बाद भी युवक धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाता रहा। युवक ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी।
लड़की के पिता ने तब शिकायत दर्ज कराई।
गिरफ्तारी के बाद 14 दिनों के लिए युवक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
मुनाफा जिहाद एक घातक अपराध है! न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि असम भी लाभ जिहाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने जा रहा है।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश जारी किया। फिर यह कानून लागू हुआ।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिहाद करने वाले युवक के खिलाफ धारा 504 और 506 के तहत धार्मिक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
जिहाद के लिए क्या है सजा?
नए कानून के तहत आरोपी को जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश करने पर 10 साल जेल की सजा होगी।
लाभ जिहाद को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी थी चेतावनी! इस बार उसने दिखाया।