- पीओ के आदेश पर भारी पड़ रहे पंचायत रोजगार सेवक
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मजदूरों का 90 दिन का भुगतान लंबित
- योजनाओं में मनमानी का सर्वाधिक मामला पिपराही में
- मनरेगा पीओ ने दी कार्रवाई की चेतावनी
- एसडीओ ने कहा मनरेगा की तमाम योजनाओं की होगी जांच
शिवहर : बेशक मनरेगा ने खुशियों के द्वार खोले है। गांव में ही मजदूरों को काम मिलने से जिंदगी आसान हुई है। लेकिन, चंद कर्मियों की मनमानी और कमीशनखोरी के चलते वर्तमान में शिवहर में मनरेगा की योजनाओं पर ग्रहण लग गया है। वहीं मजदूरों को दर-दर की खाक छानना पड़ रहा है। मनरेगा में भ्रष्टाचार के सर्वाधिक मामले शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड में दिख रहा है। यहां पौधारोपण से लेकर तालाब निर्माण तक और बकरी शेड निर्माण से लेकर सड़क निर्माण तक में कमीशनखोरी का साया है। कई स्थानों पर कागज पर ही योजना पूर्ण कर राशि डकार ली गई है। यहां तक की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मजदूरों के 90 दिन का मजदूरी का भुगतान भी लंबित है। इधर, परसौनी बैज के पंचायत रोजगार सेवक राम जनम साह की मनमानी से विभाग परेशान है। यहां के पीआरएस द्वारा दर्जनों एमबी बुक लंबित रखा गया है। वहीं पीआरएस मनरेगा के पीओ पर भारी पड़ रहे है। लोग बताते हैं कि पीआरएस द्वारा कुछ युवकों को रखकर काम कराया जाता है। कमीशनखोरी से प्राप्त रुपये इन युवाओं को देकर काम कराया जाता है। लगातार मिल रही शिकायत के बाद पीओ द्वारा तलब करने के बाद भी पीआरएस ने गंभीरता नहीं दिखाई। पीओ पंकज कुणाल ने कहा कि यह लापरवाही और अनुशासनहीनता का परिचायक है। पीआरएस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उधर, एसडीओ मो. इश्तियाक अली अंसारी ने बताया कि इलाके में संचालित मनरेगा की तमाम योजनाओं की सघन जांच कराई जाएगी। अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसडीओ ने कहा कि दो दिन पूर्व ही बैठक कर मनरेगा पीओ को इससे संबंधित निर्देश दिए गए है। परसौनी बैज के पंचायत रोजगार सेवक की मनमानी की बाबत भी उन्होंने जाचोपरांत कार्रवाई की बात कही।