देश से वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी उन्मूलन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है। इस संकल्प को सही मायने में धरातल पर उतारने को लेकर नए कार्यक्रम शुरू करने के साथ ही पहले से चल रहे कार्यक्रमों में और तेजी लाया जा रहा है। कोविड-19 के दौरान टीबी मरीजों की खोज और पहचान के लिए चलाये जा रहे अभियान पर भी असर पड़ना स्वाभाविक था, लेकिन जनवरी में एक बार फिर सघन टीबी रोगी खोज (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान शुरू हो गया है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान के तहत प्रचार प्रसार की विभिन्न गतिविधियों का आयोजन 31 जनवरी तक किया जाएगा। अभियान के दौरान घर-घर जाकर टीम लोगों की स्क्रीनिंग करेगी और जिनमें लक्षण नजर आएगा उनकी जांच करायी जाएगी।
लक्षण वाले व्यक्ति रोग को छिपाएं नहीं
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. जियाउद्दीन जावेद ने अपील की है कि यदि टीम के लोग किसी के घर पहुंचे तो टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति अपने रोग को छिपाएं नहीं, बल्कि लक्षणों के बारे में खुलकर बताएं। टीबी रोग की पुष्टि होने पर उनका समुचित इलाज होगा। उन्होंने कहा कि टीबी हारेगा देश जीतेगा थीम पर चलने वाले अभियान के दौरान टीम के लोग जन सामान्य को माइकिंग, पंपलेट, हाउस स्टीकर के माध्यम से भी टीबी से बचाव के लिए जागरूक करेंगे। टीबी रोगी के बारे में सूचना देने वाले व्यक्ति गैर वेतनभोगी को 500 रुपए प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाएंगे। इलाज के दौरान रोगी को भी प्रतिमाह 500 रुपए दिए जाएंगे।
शिवहर को टीबी मुक्त बनाने में सामूहिक सहयोग करें
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. जियाउद्दीन जावेद ने बताया कि शिवहर जिला को टीबी से पूर्णत: मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत-संकल्पित है। इसमें समाज के सभी जागरूक प्रबुद्ध वर्ग, सभी अस्पताल एवं चिकित्सकों एवं निजी अस्पतालों की भूमिका निभाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि टीबी रोग पाए जाने पर रोगियों को मुफ्त दवाएं देने के साथ ही प्रतिमाह पांच सौ रुपये पोषण राशि देने का भी प्रावधान है। वहीं सावधान किया कि चिकित्सकों के परामर्श के मुताबिक पूरे कोर्स की दवा खाएं। बीच में त्रुटि होने पर रोग का समुचित इलाज नहीं हो सकेगा। अपील किया कि शिवहर जिला को टीबी रोगमुक्त बनाने में सामूहिक सहयोग करें।
निक्षय पोषण योजना बनी मददगार
टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रु पये प्रतिमाह दिए जाने के लिए अप्रैल 2018 में लायी गयी निक्षय पोषण योजना बड़ी मददगार साबित हुई है। योजना के तहत राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है। जिन क्षय रोगियों का बैंक खाता नहीं है, उनका खाता इन्डियन पोस्टल पेमेंट्स बैंक द्वारा मरीजों के घर जाकर खोला जाता है।
टीबी व कोविड के लक्षण समान
डॉ. जियाउद्दीन जावेद ने कहा कि टीबी और कोविड के लक्षण मिलते-जुलते हैं, इसलिए ऐसे में खास सावधानी बरतने की जरूरत है। इससे बचने के लिए जरूरी प्रोटो कॉल जैसे- मास्क पहनना अनिवार्य है, क्योंकि इन दोनों ही बीमारियों में खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों से संक्रमण की संभावना रहती है। इसलिए अपने साथ दूसरों को सुरक्षित करने के लिए मास्क से मुंह और नाक को ढककर रखें।
टीबी रोग के लक्षण
-14 दिनों से ज्यादा का बुखार
–14 दिनों से खांसी आना
–सीने में दर्द रहना
–खांसी के साथ मुंह से खून आना।
–भूख कम लगना
–वजन का घटना
–बच्चों में वजन का न बढ़ना
–रात में पसीना आना इत्यादि।
टीबी रोग से कैसे करें बचाव
–परिवार के टीबी रोगी का इलाज शीघ्र कराएं
–टीबी रोगी खांसते समय मुंह पर कपड़ा रखें
–टीबी रोगी एक बंद वर्तन में थूकें तथा उसे जला दें, या जमीन में गाड़ दें
–सभी नवजात शिशुओं को बीसीजी का टीका अवश्य लगवाएं