बिहार राज्य में चलने वाले सरकारी और निजी स्कूलों में आठ फरवरी से छह से आठ तक की कक्षाएं भी लग सकेंगी। प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में यह फैसला लिया गया। लेकिन, स्कूल प्रबंधन बच्चों पर में स्कूल आने का दबाव नहीं बनाएंगे। अभिभावक की सहमति के बाद ही बच्चा स्कूल आएगा। नर्सरी से कक्षा पांच तक के स्कूल खोलने का फैसला अगले सप्ताह तक संभावित है। कोरोना को देखते हुए फिलहाल 50 फीसद बच्चों को स्कूल आने की अनुमति होगी। हालांकि अब शत प्रतिशत शिक्षकों को स्कूल आने की अनुमति होगी। पूर्व में बच्चों की तरह सिर्फ 50 फीसद शिक्षकों को स्कूल आने की अनुमति थी।
बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि 18 दिसंबर 2020 को क्राइसिस मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक में कक्षा 8-12वीं तक के स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया था। निर्णय के आलोक में इस वर्ष चार जनवरी से राज्य के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में 8-12वीं तक के स्कूलों में कक्षाएं शुरू हो चुकी है। दिसंबर में ही कोरोना के नियमों का पालन करते हुए कॉलेज और कोचिंग संस्थान संचालन की भी अनुमति दी गई थी। राज्य में अब कोरोना का प्रभाव काफी कम हो चुका है। साथ ही कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का अभियान भी चल रहा है। जिसे देखते हुए कक्षा 6-8वीं तक के स्कूल खोलने पर सहमति बनी है।
मुख्य सचिव ने बताया कि स्कूल कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए खोले जाएंगे। स्कूल बच्चों पर दबाव नहीं बनाएंगे। स्कूल प्रबंधन के लिए आवश्यक होगा कि वह बच्चों को स्कूल बुलाने के पूर्व अभिभावक की सहमति प्राप्त करें।
रोटेशन में चलेंगी कक्षाएं
क्राइसिस मैनेजमेंट बोर्ड की स्पष्ट हिदायत है कि स्कूल में कक्षाएं रोटेशन के हिसाब से लगेंगी। आधे बच्चे एक दिन स्कूल-कॉलेज में आएंगे तो आधे दूसरे दिन। यदि कक्षा में 50 बच्चे हैं हैं तो सिर्फ 25 बच्चों से ही कक्षा में आएंगे शेष 25 बच्चों की कक्षा अगले दिन होगी।
स्कूल खोलने के लिए शर्त
-स्कूल मास्क और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कराएंगे।
-बच्चों और विद्यार्थियों के लिए मास्क पहनना आवश्यक।
- एक बेंच पर दो से अधिक बच्चे हीं बैठेंगे।
- सरकारी स्कूल के बच्चों को दिए जाएंगे दो-दो मास्क
15 दिन में समीक्षा, तब जूनियर स्कूलों पर विचार
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि कक्ष छह से नीचे के स्कूल खोलने का फैसला बाद में होगा। फिलहाल जो स्कूल खुलेंगे उनकी मॉनिटरिंग की जाएगी। 15 दिन बाद क्राइसिस मैनेजमेंट बोर्ड इसकी समीक्षा करेगा इसके बाद ही जूनियर कक्षाओं के बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा।