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पुलवामा की घटना की तरह है लाल किले की घटना:- संजीत कुमार उर्फ छोटू (राजद व्यवसायिक प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष)


बादल राज

सीतामढी, बिहार ( मिथिला हिंदी न्यूज) आज जिला राजद व्यवसायिक प्रकोष्ट के जिला अध्यक्ष संजीत कुमार उर्फ छोटू ने कहा की इतिहास खुद को दोहरा रहा है सन 1906-07 में किशन सिंह और अजीत सिंह (शहिद भगत सिंह के पिता और चाचा ) ने अंग्रेजो के तीन कृर्षि कानूनों के खिलाफ आंदोलन खडा़ किया था जिन्हें बाद में अंग्रेजो को वापस लेना पडा़ अंग्रेज उन कानूनों को वापस नहीं लेते तो किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर हो जाते उस समय यह नारा दिया गया पगडी़ संभाल जट्टा आज भी कमोवेष हालात वही हैं वह तीन काले कानून आज हैं बस अंग्रेजों कि जगह नौकरसाह आ गये हैं ।
केन्द्र सरकार ने बडे़ व्यापारियों ,कंपनियों ,कारपरोरेट घराने के पक्ष में किसान विरोधी तीन कृर्षि कानून बनाकर किसानों  को बजार के चक्रव्यहु में फंसा दिया हैं इन काले कानून का मकसद खेती पर पुरी तरह निंजी कंपनियों का शिकंजा कायम करना हैं ताकि वे अकूत मुनाफा लूट सके । यदि ये तीनों कानून रद्द नहीं किया जाया तो देश के 86./. प्रतिशत छोटे तथा मझलें किसानों का जीवन संकट में होगा ,आज लाल किले कि घटना पुलवामा कि घटना कि तरह हैं ।जब सभी जगह सुरक्षा व्यवस्था मजबूत था तो किस तरह आंदोलन कारी बैरैकटिंग तोड़ कर चले आये ,कहीं न कहीं सुरक्षा व्यवस्था में चुक है,  इसका मतलब है भाजपा कि सोची समझी चाल हैं । सरकार को हठधर्मिता छोड़कर देशहित में किसान कि मांगे मान लेनी चाहिए अगर सरकार पूर्व में ही किसानों कि बात अगर मान लेती तो यह सब घटना नही घटती ।
आये दिन व्यवसायिक वर्गो के साथ अत्याचार,अपहरण ,रंगदारी,लूटपाट,हत्या हो रही इस पर केन्द्र कि सरकार एंव प्रदेश कि सरकार मूकदर्शक बनी हुई हैं सुरक्षा देने कि बजाय गलत गलत कानून बनाकर देश कि आर्थिक स्थति को कमजूर कर रही है और कारपोरेट घराने को मद्द करने पर तुले हैं इस प्रेस कांफ्रेस में निम्नलिखित साथी मोजूद थे प्रदेश महासचिव सुरेश गौतम ,राजद नेता राम शत्रुधन राय , महादेव दास ,विजय कुमार ,चंदन कुमार ,शिवलाल दास ,रंजीत दास,मो० नन्हे,मो०महबूल ,उपेन्द्र साह ,नरेश साह ,अजीत कुमार ,इत्यादि सैकड़ो राजद कार्यकर्ता थें।

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