पप्पू कुमार पूर्वे
नेपाल के आधिकारिक सूत्रों ने भी कहा है कि देश में अभी कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। ऐसे में भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को खोलने का विचार नहीं है। सीमा बंद होने के कारण वाहनों की आवाजाही पर रोक है। हालांकि, लोगों को उम्मीद है कि बॉर्डर जल्द खुलेंगे।इंडो-नेपाल बॉर्डर खुलने की एक अफवाह से इलाके में अफरा- तफरी मच गई। देश में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद करीब दस महीने से जयनगर स्थित मारर -सिरहा इंडो नेपाल बॉर्डर बंद है। इसी बीच एक चिट्ठी तेजी से वायरल होने के साथ जंगल में आग की तरह चर्चा होने लगी कि नेपाल बॉर्डर खुल गया। बॉर्डर खोलने की अफवाह पर दर्जनों लोग सिमा पर पहुंच गई। लेकिन, अभी इस संबंध में कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। बीते मार्च महीने से बंद भारत-नेपाल सीमा के अभी खुलने की उम्मीद नहीं दिख रही है।नेपाल के भी आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, देश में अभी भी कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। ऐसे में भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को खोलने का विचार नहीं है। अगले आदेश तक सीमा सील रहेगी। नेपाल में पर्यटन उद्योग प्रमुख व्यवसाय माना जाता है। वहां की 90 फीसदी आबादी पर्यटन व्यवसाय पर आश्रित है।दोनों देशों की सीमा बंद होने के कारण वाहनों की आवाजाही पर रोक है। कोरोना के कारण 24 मार्च को नेपाल ने अपने देश में लॉकडाउन की घोषणा की। जिसके एक दिन बाद भारत में भी लॉकडाउन की घोषणा की गई। जानकारों की मानें तो अब तक इतनी लंबी अवधि तक नेपाल बॉर्डर इसके पहले कभी बंद नहीं हुआ था। भारत-नेपाल सीमा की स्थिति किसी भी दो देशों के बॉर्डर से एकदम जुदा है। दोनों देशों की सरहद पर न कोई कंटीले बाड़ हैं न सैनिकों की भारी तैनाती। खुली सीमा होने के कारण नेपाल के लोग भारतीय सीमा में और भारतीय लोग नेपाली सीमा में आते-जाते रहे हैं।