- जिले में जागरूकता फैलाएंगे 54 जागरूकता रथ
-दलित व महादलित टोलों में फैलाई जाएगी विशेष जागरूकता
मोतिहारी, 11 फरवरी|
परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से गांधी मैदान में केयर इंडिया के द्वारा गुरुवार को रैली का आयोजन किया गया। जिसे जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने हरी झंडी दिखा रवाना किया। रैली में कुल 54 जागरूकता रथ शामिल थे। मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि मौजूदा समय में देश सहित पूरे बिहार में जनसंख्या बढ़ रही है। जिससे सामाजिक और आर्थिक अस्थिरता पैदा होती है। इसलिए केयर इंडिया , स्वास्थ्य विभाग और बिहार सरकार की तरफ से प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है। यह रैली भी उसी प्रचार-प्रसार का हिस्सा है। वहीं केयर के डीटीएल अभय कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन पर यह रथ मार्च तक चलेगा। प्रत्येक आरोग्य दिवस सत्र पर स्थायी और अस्थायी परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता भी होगी। इच्छुक लाभार्थी अपने निकटतम आशा, एएनएम या स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर सकती हैं।
एप से की जा रही निगरानी
रैली के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि प्रत्येक प्रखंड में दो गाड़ियों से माइकिंग की जा रही है। यह खासकर उन क्षेत्रों में भ्रमण करेंगी जो टोले दलित और महादलित हैं। क्योंकि वहां शिक्षा और गरीबी काफी ज्यादा है। वह वहां आरोग्य दिवस सत्रों पर सप्ताह में दो दिन लोगों के बीच जागरूकता फैलाएगी। इसकी एप से निगरानी की जा रही है| जिले की प्रजनन दर के बारे में कहा कि पहले मोतिहारी का कुल प्रजनन दर जहां 3.2 था वह अब 2.9 हो गया है। जो लग्भग अपने राज्य के समतुल्य चल रही है। अभी इसे और कम करने की आवश्यकता है।
बच्चों के जन्म में रखें अंतर
रैली के मौके पर सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि शादी के दो साल बाद बच्चे और दूसरे बच्चे में तीन साल का अंतर अवश्य होना चाहिए। वहीं पुरुषों को परिवार नियोजन में बढ़ कर हिस्सा लेना होगा। मौके पर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक, सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह, एसीएमओ डॉपिकेपी सिंह, डीसीएम नन्दन झा,केयर डीटीएल अभय कुमार, डीपीओ मयंक कुमार सहित केयर के अन्य प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन,-
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।