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बिहार में एक और बिमारी के चपेट में चमकी हटी तो आकाश के क्षितिज पर चमका सूरज

- गुरुवार को स्वस्थ आकाश पहुंचा अपने गांव
- सरकारी अस्पताल के प्रति बदला आकाश के परिजनों का नजरिया     

प्रिंस कुमार 

मुजफ्फरपुर,26 फरवरी|
  पारु प्रखंड के सिंगाही गांव का आकाश। इस वर्ष चमकी से ग्रसित होने वाला पहला बच्चा। उम्र महज ढाई वर्ष। अब वह बिल्कुल स्वस्थ्य है और अपने घर भी चला गया है, पर यह हमें अभी से ही चमकी के प्रति सावधान कर गया है। 9 फरवरी को एसकेएमसीएच में एईएस वार्ड में भर्ती हुए आकाश को ठीक होने में 16 दिनों का समय लगा। वह स्वस्थ होकर गुरुवार को घर चला गया।  
रात को भूखे सोने के कारण आयी चमकी
आकाश की मां रिंकू देवी ने कहा कि 8 फरवरी को दिन में खेलता-कूदता रहा, पर रात में बिना खाए ही सो गया। मैंने खिलाने की कोशिश भी की पर वह सोया ही रहा। सुबह जब उठाने गयी तो देखा कि वह बेसुध पड़ा है, शरीर गर्म है और चमकी भी आ रही है। इनके पिता सुनील राय समझ गए कि ये चमकी ही होगा। तुरंत उन्होंने एक ऑटो किराए पर लिया और देवरिया गए। वहां से सरैया। सरैया से जूरन छपरा। एक ही गलती हम लोगों से हुई कि शुरुआत में हम इसे सरकारी अस्पताल नहीं ले गए। जब जूरन छपरा में प्राइवेट डॉक्टर ने हाथ खड़े किए तब हम एसकेएमसीएच गए थे। वहां की व्यवस्था और तत्परता ने हमारे बच्चे को उसकी हंसी वापिस दे दी। उसके बाद आकाश के पिता सुनील राय कहते हैं कि हमने शुरुआत में प्राइवेट डॉक्टर के चक्कर में फंस कर पैसे भी बरबाद किए वहीं एसकेएमसीएच में इलाज भी बेहतर मिला और पैसे भी नहीं लगे। 
आकाश का पूरा हो चुका है टीकाकरण 
सिंगाही क्षेत्र की एएनएम पिंकी कुमारी ने कहा कि आकाश का टीकाकरण कार्ड पर नाम सुमीत कुमार है। उसका सभी टीकाकरण भी पूरा हो चुका है। उसने 9 महीना व डेढ़ साल पर जेई का टीका भी ले लिया था। 

आशा और एएनएम कर रही मॉनिटरिंग
सिंगाही क्षेत्र की आशा रेखा बताती हैं कि जब आकाश को चमकी हुआ तो बिना बताए निकल चुके थे। जबकि पिछले वर्ष गांव में हुए चौपाल में भी उसके पिता सुनील राय ने हिस्सा लिया था। उनके पास चमकी की सारी जानकारी है। गुरुवार को ही वह स्वस्थ्य होकर अपने घर आया है। कम उम्र में लंबे इलाज के कारण आराम में है। मैं सुबह और शाम जाकर उसके स्वास्थ्य का हाल पूछ रही हूं।

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