- प्रत्येक प्रखंड में ई रिक्शा से हो रही माइकिंग
- महिलाएं परिवार नियेाजन में आ रही आगे
प्रिंस कुमार
सीतामढ़ी, 17 फरवरी|
महिलाएं अब घरों तक सीमित नहीं हैं। वह दहलीज पार कर रही हैं ताकि जिदंगी भर तहजीब से जिंदगी गुजार सकें। उन्होंने अपनी मां, दादी और काकी के जीवन की गलतियों को देखा है। कम उम्र में शादी, दो से ज्यादा बच्चे, बच्चों में सही वर्षों का अंतर न रखने से उन सबकी जिंदगी कठिन हो गयी थी| साथ ही शारीरिक परेशानियों को भी करीब से देखा था। इसलिए वह अब घरों से बाहर निकल रही हैं, आरोग्य सत्रों पर, गली मुहल्लों में माइकिंग से दी जा रही जानकारी के पास।
परिवार नियोजन के बारे में दी जाने वाली जानकारी से महिलाएं खुद खींची आ रही हैं-
जिले में केयर इंडिया की तरफ से महादलित बस्तियों को केंद्र में रखते हुए परिवार नियोजन के बारे में दी जाने वाली जानकारी से महिलाएं खुद खींची आ रही हैं। रुन्नी सैदपुर के जहांगीर पुर वार्ड नम्बर एक में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 74 पर आयी शरीरा खातून एएनएम रेणु देवी की बातों को ध्यान से सुन रही थी। शरीरा कहती हैं कि आरोग्य दिवस में आने का उनका मकसद टीकाकरण के साथ परिवार नियोजन के बारे में जानकारी लेना है। वह कहती हैं कि उन्हें अभी एक बच्चा है पर वह चाहती हैं कि उनके दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतर हो, इसलिए उन्होंने आशा सावित्री देवी की सलाह पर परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के इस्तेमाल की जानकारी ली। वहीं संकल्प लिया कि दूसरे बच्चे के बाद वह परिवार नियोजन के स्थायी साधन का इस्तेमाल करेंगी। जिससे उनके बच्चों का भविष्य सुनहरा हो पाए।
बच्चे के एक दिन के बाद ही ली परिवार नियोजन पर जानकारी
केयर इंडिया के सीएचसी निधीश कुमार झा ने कहा कि वह बच्चों के स्वास्थ्य की ट्रैकिंग पर रुन्नी सैदपुर के रविदास बहेलिया टोला गए थे। वहां गायत्री देवी ने एक दिन पहले ही एक नवजात को जन्म दिया था। यह उसका पहला बच्चा था। उसने वहां की एएनएम को घर पर बुला परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी ली। गायत्री देवी ने कहा कि उसके घर की आय सामान्य है। अगर वह बच्चों के जन्म में अंतर और दो बच्चे ही करेगीं तो उनका परिवार ज्यादा खुशहाल रह पाएगा।
प्रत्येक प्रखंड में हो रही माइकिंग
केयर इंडिया की तरफ से परिवार नियोजन पर जागरूक करने के उद्येश्य से मार्च तक प्रत्येक माह 10 दिन माइकिंग कर परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों के बारे में बताया जाएगा। यह माइकिंग विशेष कर दलित और महादलित टोलों में की जाएगी।