- एईएस-चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर किए गए कार्य व उठाए जाने वाले प्रभावी कदम को लेकर विचार-विमर्श
शिवहर, 26 फरवरी| जिलाधिकारी सज्जन आर की अध्यक्षता में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई। इस बैठक में जेई एवं एईएस को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें एईएस/ चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर विगत वर्ष किए गए कार्यों की जानकारी ली गई। साथ ही आगे उठाए जाने वाले प्रभावी कदम को लेकर विचार विमर्श किया गया। डीएम ने सभी पदाधिकारियों और चिकित्सकों से कहा कि विगत वर्ष की भांति इस बार भी सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करना सुनिश्चित करेंगे। ताकि चमकी बुखार की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सके। एईएस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विभिन्न कोषांगों के द्वारा किए गए कार्यों के अलावा प्रचार-प्रसार और जन जागरूकता कोषांग की अहम भूमिका होगी।
आवश्यक दवा एवं उपकरण उपलब्ध कराने का निर्देश
डीएम ने कहा कि एईएस और जेई के अनुसार आवश्यक दवा एवं उपकरण की उपलब्धता सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सुनिश्चित कराएं। सिविल सर्जन एवं पीएचसी प्रभारी को इसकी व्यवस्था हर हाल में करने को कहा। साथ ही दवा एवं उपकरण की अनुपलब्धता की स्थिति में आवश्यकतानुसार फरवरी के अंत तक खरीद करने या मंगवाना सुनिश्चित करें। एईएस और जेई मरीज के लिए प्रखंड स्तर पर बेड हर हाल में सुरक्षित रखने को कहा।
जमीनी स्तर पर चलेगा जागरूकता अभियान
सिविल सर्जन डॉ आरपी सिंह ने कहा कि जमीनी स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका, आशा कार्यकर्ता तथा विकास मित्र घर-घर घूम जागरूकता फैलाएंगे। जागरूकता के लिए लोगों को माइकिग कराकर प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। ताकि एईएस और जेई के मरीज के संबंध में ससमय सूचना मिल सके और उसका समूचित इलाज हो सके।
तेज बुखार व चमकी आना प्रमुख लक्षण
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कामेश्वर कुमार सिंह ने बताया कि एईएस या चमकी बुखार को बीमारी का छाता कह सकते हैं। इसके लक्षण जैसी कई बीमारियां होती हैं। इसका कारण अभी तक पता नहीं। इसके मुख्य कारण गर्मी, नमी व कुपोषण सामने आए हैं। जब गर्मी 36 से 40 डिग्री व नमी 70 से 80 फीसद के बीच हो तो इसका कहर शुरू होता है। बीमारी का लक्षण तेज बुखार व चमकी आना है, इसलए इसे चमकी बुखार कहते हैं। इसमें बच्चा देखते-देखते बेहोश हो जाता है।