मिथिला हिन्दी न्यूज :-पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम 90 रुपये प्रति लीटर को छूने वाले हैं तो वहीं डीजल में 80 के आंकड़े तक पहुंच ही गया है. सोशल नेटवर्किंग साइट इसको लेकर सरकार पर तंज कसा जा रहा है .
सोशल मीडिया पर वायरल हुए मैसेज
- 460 एलपीजी सिलेंडर 750, कमल क्यों भूल जाते हैं
- मास्क के नाम पर जनता से एक हजार जुर्माने की वसूली, कमल क्यों भूल जाते हैं
- 1200 हाउस टैक्स डायरेक्ट 3600, कमल क्यों भूल जाते हैं
- कोरोना के नाम पर निर्दोष मारे गए, कमल क्यों भूल गए
- लूट ट्रैफिक नियमों के नाम पर हर दिन करोड़ों रुपये, कमल को क्यों भूल जाते हैं
- '88 पेट्रोल 87, कमल को क्यों भूल जाते हैं '
- टोल टैक्स के नाम पर हुई डकैती, क्यों भूल गए कमल
- अग्निशमन विभाग के पास 2 मंजिला सीढ़ियां नहीं थीं , क्यों कमल को भूल जाओ
- रिक्शा में दो से अधिक यात्रियों पर प्रतिबंध जबकि भाजपा के लिए एक कार में 10 लोग। कें bhulay कमल
- कोई virodh करे etale ई देशद्रोही, kem bhulay
कमल
- शादियों में 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी, बीजेपी नेताओं के स्वागत के लिए रोड शो, कमल को क्यों भूले - कुछ नहीं जाता या नहीं, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते
हैं, कमल को क्यों भूल जाते हैं
जब-जब पेट्रोल-डीजल की महंगाई बढ़ती है, तब-तब राज्य सरकार केंद्र की तरफ एक्साइज ड्यूटि कम करने के लिए ताकने लगते हैं तो केंद्र सरकार राज्य को वैट कम करने के लिए कहने लगती है. 2017 में तेल का दाम घटाने के लिए वित्त मंत्री ने राज्यों को वैट घटाने की चिट्टी लिखी और ये जानकारी खुद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दी. लेकिन केंद्रीय आलाकमान के निर्देश के बाद भी बीजेपी शासित दर्जन भर से ज्यादा राज्यों ने वैट बिल्कुल नहीं घटाया, उस वक्त सिर्फ महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने वैट घटाया था.