मोतिहारी, 18फरवरी |
एएनएम अनिता ने बताया कि डीएमटी प्रशिक्षण के बाद वह दैनिक स्वास्थ्य कार्यो को पहले से बेहतर ढंग से कर पा रही हैं। आउटरीच में उन्होंने उच्च रक्तचाप के मरीज की पहचान करने के तरीके सीखे। जिसका उपयोग वह दैनिक स्वास्थ्य कार्यो में कर रही हैं । अनिता बताती हैं कि वह फील्ड में जाकर हाइपरटेंशन, बीपी के मरीजों को चिह्नित कर उनका बीपी मशीन से जांच करती हैं। प्रशिक्षण लेने के बाद उन्हें अब किसी तरह की परेशानी नहीं है। बताया कि सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर सिंह, केयर के डीटीएल अभय कुमार, मनीष भारद्वाज, राणा फिरदौस, एवम उनकी अनुभवी टीम द्वारा दिए गए डीएमटी प्रशिक्षण से मेंटर्स को काफी फायदा हुआ है।
नियमित व्यायाम से हाइपरटेंशन से बचा जा सकता है
अनिता कुमारी ने बताया कि खराब जीवनशैली के कारण धीरे-धीरे किशोर एवं युवा भी बीपी की गंभीर समस्या से पीड़ित हो रहे हैं। खाने में फास्टफूड की जगह फल और हरी सब्जियों का सेवन करें। सुबह जल्दी उठना, रात में जल्दी सोना, अवसाद एवं तनाव से बचना एवं नियमित व्यायाम से इस रोग से बचा जा सकता है। ब्लड सुगर के मरीजों को नियमित मधुमेह की जांच करानी चाहिए। अधिकतर हाइपरटेंशन के रोगियों को मालूम भी नहीं रहता कि वह इससे ग्रसित हैं तथा इसके लक्षणों को नजरंदाज करते हैं। इसे अनदेखा करने वाले मरीजों को गंभीर बीमारियों जैसे हृदयघात, मस्तिष्कघात, लकवा, हृदयरोग, किडनी का काम करना बंद हो जाना जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
बीपी कम होने पर ओआरएस, गुड़-चना, नारियल पानी का सेवन करें
बीपी अधिक (हाई ) होने पर नमक का सेवन कम करना चाहिए। आराम करना चाहिए। तनाव कम लेना चाहिए। स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। वहीं जब उच्चरक्तचाप की स्थिति असामान्य हो तो डॉक्टर से मुलाकात कर कोलेस्ट्रॉल व अन्य स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए। जिससे भविष्य में होने वाली समस्याओं से बच सकें।
एएनएम अनिता कुमारी ने बताया कि व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें
- बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
- हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके।
- घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
- आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें।