संवाद
जब कोई अपना दूर होता है तो आंखों से आंसू झलक जाते हैं, ऐसा ही लगाव एक शिक्षक से बच्चों को हो गया है, जो शिक्षक के जाने की खबर से आंसू नहीं रोक पाए।किसी शिक्षक का अपने छात्रों से कितना लगाव होता है, इसकी एक बानगी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के एक स्कूल में देखने को मिली. जहां एक शिक्षक के ट्रांसफर होने पर पूरा स्कूल भावुक हो गया. स्कूल के छात्रों का अपने शिक्षक से लगाव इतना था कि उनके विदाई समारोह में सभी छात्र बिलख-बिलख कर रोने लगे. जब यह नजारा ग्रामीणों ने देखा तो उनकी भी आंखें भी नम हो गई. दरअसल, यह मामला हमीरपुर जिले के ‘धरऊपुर’ गांव का है. गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर शिक्षक भीष्म नारायण 12 साल से कार्यरत थे. इस दौरान उनका स्कूल के बच्चों और दूसरे शिक्षकों से बहुत जुड़ाव हो गया था. शिक्षक भीष्म बताते है कि उनका स्कूल के बच्चों और गांव के लोगों से इतना जुड़ाव हो गया था कि जैसे यह उनका एक परिवार बन गया था. शिक्षक की सरलता और सहजता से छात्र और ग्रामीण भी बहुत प्रभावित थे. यही वजह रही की जब 12 साल बाद उनका ट्रांसफर होने लगा तो सभी बहुत दुखी हो गए. ग्रामीणों ने बताया कि एक बार पहले भी शिक्षक भीष्म नारायण का ट्रांसफर हुआ था. तब सभी ग्रामीणों ने बीएसए BSA ऑफिस जाकर उनका ट्रांसफर रुकवा दिया था. लेकिन अब कुछ सालों बाद दोबारा से उनका ट्रांसफर कर दिया गया. लेकिन इस बार उनका ट्रांसफर नहीं रुका, ग्रामीणों को जैसे ही पता लगा कि शिक्षक भीष्म का ट्रांसफर हो गया है. सभी दुखी हो गए और जिस-जिस को यह जानकारी लग रही थी. वह शिक्षक से मिलने पहुंचने लगा. एक दिन बाद जब शिक्षक का विदाई समारोह शुरू किया तो सभी रोने लगे. बच्चों का कहना था कि उनके सबसे प्रिय शिक्षक उन्हें छोड़कर जा रहे हैं. बच्चों का कहना था कि सर ने ही उन्हें बचपन से पढ़ाया था. इसलिए अब उन्हें सर के साथ ही पढ़ने की आदत हो चुकी है. यही वजह है कि उनका ट्रांसफर से अब उन्हें बहुत दुख हो रहा है.