प्रिंस कुमार
मोतिहारी बसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजनोत्सव का सर्वमान्य पर्व 16 फरवरी मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन पूरे दिन सरस्वती पूजनोत्सव का कार्य किया जाएगा। इस दिन को वागीश्वरी जयंती,वाणी पूजा,वसन्तोत्सव,रतिकाम महोत्सव आदि रूपों में मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखकर सरस्वती पूजन करने से वाणी मधुर होती है,स्मरण शक्ति तीव्र होती है तथा विद्या में कुशलता प्राप्त होती है।उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने दी।उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार वाग्देवी सरस्वती ब्रह्मस्वरूपा,कामधेनु तथा समस्त देवों की प्रतिनिधि मानी गयी है और यही विद्या,बुद्धि और ज्ञान सहित अनंत गुणशालिनी देवी सरस्वती हैं।वसंत पंचमी के दिन से ही वसंत ऋतु के आगमन का संकेत मिलने लगता है। इसी समय से शान्त,ठंडी,मंद वायु कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सबों को नव प्राण व उत्साह से आनंदित करती है।