- केयर के तरफ से दिया गया प्रशिक्षण
प्रिंस कुमार
जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में केयर इंडिया के द्वारा सोमवार को परिवार नियोजन पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में जिले के सभी प्रखंडों से दो नर्सो शामिल किया गया था। जो अपने कार्यक्षेत्र में जाकर परिवार नियोजन में इच्छुक लोगों को स्थायी और अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी देगीं। परिवार नियोजन पर हुए इस प्रशिक्षण में मुख्य प्रशिक्षक के तौर पर प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार सिन्हा थे जिन्होंने महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी के अस्थायी और स्थायी साधनों पर विस्तृत रुप से जानकारी दी। डॉ सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि अंतरा और छाया ये दो ऐसी विधियां हैं जो बहुप्रचलित भी हैं और सुरक्षित भी। हांलांकि परिवार नियोजन की सभी विधियां सुरक्षित और कारगर है। अगर महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी होने के 90 दिनों के अंदर गर्भ ठहरता है तो उसे मुआवजे की राशि भी दी जाती है।
अंतरा की एक सूई और तीन महीने अनचाहे गर्भ से छुटकारा
डॉ सुनील ने कहा कि अंतरा की सूई प्राकृतिक महिला हारमोन की तरह ही हॉरमोन निहित है। यह एक अस्थायी साधन है जिसकी एक सूई तीन महीने तक प्रभावशील रहता है। लंबे समय तक सुरक्षा के लिए हर तीन महीने पर सूई लगवानी होती है। इसके उपयोग से मां के दूध की मात्रा एवं गुणवत्ता पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका उपयोग छह सप्ताह यानि 42 दिन के बाद ही कर सकती है। वहीं छाया के बारे में समझाते हुए केयर के फैमिली प्लानिंग डीपीओ मयंक ने कहा कि इसका इस्तेमाल सप्ताह में दो बार किया जाता है। तीन महीने तक दो गोली के इस्तेमाल के बाद सप्ताह में इसकी एक गोली ली जाती है जब तक कोई महिला गर्भधारण न करना चाहे। प्रशिक्षण में केयर के डीपीओ परिवार नियोजन मयंक कुमार, दुर्गा प्रसाद सिंह, नजमा सहित विभिन्न प्रखंडो से आयी स्वास्थ्यकर्मी शामिल थी।