- तापमान में गिरावट से बढ़ता है रक्तचाप, स्ट्रोक व हार्ट अटैक की रहती संभावना
मोतिहारी, 2 फरवरी।
ठंड के मौसम में छोटे बच्चे और उम्रदराज लोगों की सेहत के प्रति अधिक सर्तक रहने की जरूरत है। ठंड में तापमान के गिरावट से बच्चों और बुजुर्गों में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं की संभावना होती है। प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने के कारण अस्थमा पीड़ित वृद्ध लोगों को सांस की समस्या होने लगती है। यह बातें सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में उन्हें बहुत अधिक सुरक्षित रखने की जरूरत होती है।
रक्तचाप को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण
ठंड बढ़ने के कारण रक्तचाप बढ़ता है। रक्तचाप बढ़ने से ह्रदयाघात व स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। बीपी, शुगर व दिल के रोग वाले बुजुर्गों को खुद रक्तचाप को नियंत्रित रखने की हरसंभव कोशिश रखनी चाहिए। इसके लिए नियमित दवाओं को खाते रहें। बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर ठंड का सीधा असर पड़ता है। इसलिए उन्हें खानपान का भी ध्यान रखना है।
मसाले की जगह हल्का व पौष्टिक आहार लें
सदर अस्पताल के डॉ नागमणी सिंह ने बताया कि सर्दी के मौसम में बहुत अधिक तेल मसाले खाने की जगह हल्का व पौष्टिक खाना लेना चाहिए। हरी सब्जी, दाल व रोटी का अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आहार में विटामिन सी वाले फल, अखरोट, तुलसी और हल्दी दूध भी शामिल करें। सब्जियों में एंटी आक्सीडेंट रक्त परिसंचरण में मददगार होते हैं। समय समय पर चिकन व अंडा को भी खाना में शामिल करें। केसर, हींग, गर्म पानी का नियमित सेवन घर के सदस्यों को करना चाहिए। उनके खाने पीने में हरी सब्जी या चिकन आदि के सूप समय समय पर दें।
संतुलित गर्म आहार के साथ आयरन, कैल्सियम, विटामिन का सेवन भी आवश्यक
डॉ नीरज कुमार ने बताया कि अभी सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों, बुजुर्गों को होती है है। ऐसे में सुबह शाम में आग तापने से कोल्ड डायरिया, सर्दी, खांसी से फायदा मिलता है। इस समय संतुलित गर्म आहार के साथ आयरन, कैल्सियम, विटामिन का सेवन भी आवश्यक है। सर्दी, खांसी, बुखार होने पर तुरंत बच्चों को दवाई दें । किसी प्रकार की परेशानी होने पर उन्हें चिकित्सक से तुरंत दिखाएं। शरीर के तापमान को नियंत्रण में रखने के लिए गुनगुना पानी पीयें और शरीर को हाइड्रेटेट रखें। इससे शरीर और त्वचा भी सेहतमंद रहती है। घर में हल्के व्यायाम और योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।
साथ में निम्न बातों का पालन आवश्यक है-
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।