दरभंगा। सरकारी राशि गबन मामले में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान के लिए नगर एसपी कार्यालय सभागार में प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। मिथिला क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अजिताभ कुमार ने दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर के सभी एसडीपीओ और परमादी मिलर मामले में एक करोड़ से नीचे के गबन मामले के अनुसंधानकों को कई जानकारी दी। कहा- सरकारी राशि गबन के मामले में अचानक वृद्धि हुई है। ऐसी स्थिति में इस तरह के मामलों का गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान हो, यह सुनिश्चित कराना है। अनुसंधान कैसे करना है, किन-किन सवालों का उत्तर चाहिए, योजना का क्या गाइड लाइन है, योजनाओं का संचालन कैसे होता है और संबंधितों की भूमिका क्या है आदि चिजों को ध्यान में रखकर पूरे मामले की पड़ताल करने को कहा।आइजी ने कहा कि सरकारी गबन से जुड़े मामलों में दस्तावेजी साक्ष्य के सहारे ही दोषियों को सजा दिलाई जा सकती है। ऐसी स्थिति में किसी तरह की लापरवाही बरतना उचित नहीं होगा। परमादी मिलर मामलों के अनुसंधानकों से उन्होंने कई जानकारी ली। साथ ही समस्याओं को भी जानने की कोशिश की। अब तक अनुसंधान को भी जाना। बारी-बारी से संबंधितों मामलों का फीडबैक लिया। एसडीपीओ को समय-समय पर मामले का रिव्यू करने को कहा। ताकि, अनुसंधानकों से कोई गलती नहीं हो। प्रशिक्षण दौरान आइजी ने कई टिप्स दिया। इधर, एसडीपीओ को त्वरित पर्वेक्षण करने के साथ कांडों के निष्पादन पर गंभीर रहने को कहा। संपत्तिमूलक मामलों आरोपितों का जमानत कैसे रद कराना है इसकी जानकारी दी। कहा-पीड़ितों को समय रहते इंसाफ मिले इसे लेकर सभी मामलों का त्वरित निष्पादन होना चाहिए। आरोपितों को सख्त से सख्त से सजा मिले और उसे जल्द जमानत नहीं मिले इसे लेकर ठोस साक्ष्य समर्पित करना होगा। अगर कोई बदमाश बार-बार अपराध करता है तो उसके आपराधिक इतिहास एकत्र कर कोर्ट में प्रस्तुत करें। आस-पास के जिलों से भी संबंधित बदमशों का आपराधिक इतिहास पता करने को कहा। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक बाबू राम, नगर एसपी अशोक कुमार सहित आदि पुलिस पदाधिकारी शामिल थे।