- नर्सिंग स्कूल के द्वितीय वर्ष की छात्राएं सदर अस्पताल और मातृ शिशु अस्पताल में ले रही प्रशिक्षण
प्रिंस कुमार
शिवहर। 1 मार्च| नर्सिंग स्कूल के द्वितीय वर्ष की छात्राएं एक माह का प्रशिक्षण सदर अस्पताल और मातृ शिशु अस्पताल में ले रही हैं, जिससे कि उन्हें प्रायोगिक जानकारियां मिल सके। अस्पताल के टीकाकरण केंद्र व दवा वितरण केंद्र समेत विभिन्न कार्यों में इन छात्राओं को लगाया गया है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण लेने के लिए सदर अस्पताल में छात्राओं को सभी तरह के प्रशिक्षण लेना होता है। मातृ शिशु अस्पताल की स्टाफ नर्स व लेबर इंचार्ज अनुराधा कुमारी ने बताया कि रोस्टर के अनुसार इन्हें प्रशिक्षण देने का कार्य चल रहा है, ताकि इनके पाठ्यक्रम में शामिल सभी कोर्सों का प्रशिक्षण कराया जा सके।
प्रदर्शन के साथ स्किल डेवलपमेंट भी
अनुराधा कुमारी ने बताया जीएनएम और एनएम को यहां प्रशिक्षित करने का एक और मुख्य उद्देश्य यह है कि आने वाले दिनों में सभी तकनीक में दक्ष नर्स किसी भी विभाग में बिना बाधा के काम कर सके। साथ ही, किसी भी विभाग में काम करने के दौरान आसानी से मरीजों में होने वाली परेशानी को पहचान कर उसका सही तरीके से इलाज कर पाएंगी। नर्सों का प्रदर्शन के साथ स्किल डेवलपमेंट भी किया जाता है। उन्हें पीपीई डोनिग एंड डोफिग, हैंड वाशिग, वाइटल मॉनिटर, बीपी-पल्स रेट, टेम्परेचर चेकिंग , ऑक्सीजन लगाना, इंजेक्शन लगाना, कैथेटर लगाना, ऑटो क्लेव लगाना, लेबर रूम व्यवस्थित करना एवं मरीजों में होनी वाली जटिलताओं को पहचानने और उसे दूर करने के बारे में बताया जाता है। साथ ही, उन्हें अस्पताल से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट का प्रबंधन करने की भी जानकारी दी जाती है।
एएनएम को मौलिक प्रशिक्षण जरूरी
स्वास्थ्य केंद्रों पर पदस्थापित होने के लिए एएनएम के लिए यह प्रशिक्षण काफी महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए मौलिक प्रशिक्षण आवश्यक होता है। अस्पताल में उन्हें अलग-अलग तरह की चिकित्सीय विधि सीखने और जानने का मौका मिलता है। प्रशिक्षण में नए एएनएम को प्रसव पूर्व जांच सहित प्रसव के बाद जच्चा- बच्चा के का रखरखाव के साथ-साथ गैर संचारी रोगों जैसे हाइपरटेंशन यानी बीपी, ब्लड शुगर, सहित टीबी एवं अन्य वेक्टर जनित रोग के विषय में जानकारी दी जाती है। साथ ही साथ इसकी रोकथाम और उपचार संबंधित आवश्यक जानकारी दी जाती है।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना ही स्वास्थ्यकर्मी का कर्तव्य
सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी एक छोटे कर्मचारी से लेकर एक बड़े डॉक्टर तक का कर्तव्य होता है कि वे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि मरीज अस्पताल एक उम्मीद लेकर आते हैं और हमारा कर्तव्य है कि मरीजों की उम्मीद पर खरा उतरें। उन्होंने बताया कि अस्पताल से चिकित्सीय प्रशिक्षण लेने के बाद भविष्य में जहां भी जाएंगी वहां वह अच्छी सेवा देंगी।