- कुछ दिनों में प्रवासी भी आएंगे, सावधान रहने की जरुरत
शिवहर, 5 मार्च| होली का नाम सामने आते ही रंग और पकवान के साथ मस्ती की याद आती है। एक ऐसा त्यौहार जहां किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं होता। लोग रंगों के इस त्यौहार पर तमाम गिले-शिकवे भूलकर गुलाल और रंग से होली खेलते हैं। होली मौज मस्ती का त्योहार है। लेकिन कोरोना काल में इस बार होली का पर्व काफी सतर्कता से मनाने की जरूरत है। यह बातें सिविल सर्जन डॉ आरपी सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि होली की खुशियां बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि हर कदम पर कोरोना को लेकर पूरी सावधानी बरतें, ताकि उत्सव के साथ जीवन की रंगोली में कोरोना का रंग नहीं भरने पाए।
भीड़ वाली जगह पर जाने से बचें
कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए होली खेलने के दौरान किसी ऐसे स्थान पर न जाएं जहां भीड़ अधिक हो। ऐसी जगह पर संक्रमण का खतरा ज्यादा रहेगा। इसलिए कोशिश करें कि ऐसे किसी भी जगह पर जाने से पहले मास्क जरूर लगाएं। इस बात का जरूर ध्यान दें कि आपका मास्क उतरने न पाए।
खांसने और छींकने वाले लोगों से रहें दूर
होली के दिन गले लगना तो खूब होता है, लेकिन इस बार ध्यान देना पड़ेगा कि गले मिलने से कहीं आपको वायरस का संक्रमण न हो। हालांकि आप बाकी लोगों से गले मिल सकते हैं, जिनको सर्दी-जुकाम के लक्षण नहीं हैं। आपको केवल उन्हीं लोगों से दूरी बनाए रखने की जरुरत है, जिन लोगों में सर्दी खांसी के लक्षण हैं। इसलिए जिन लोगों में ऐसे लक्षण दिखें, उनसे दूर रहें।
कुछ दिनों में प्रवासी आएंगे, सावधान रहने की जरूरत
महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिली है। कुछ दिनों के बाद इन राज्यों से प्रवासी अपने घर होली मनाने आएंगे। ऐसे में सावधान उनसे भी रहने की जरूरत है। क्या पता कौन कोरोना का संक्रमण लेकर बाहर से आया हो। इस समय अगर लापरवाही दिखाई गई और कोरोना संबंधी जरूरी सावधानी नहीं बरती गई तो संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है। ऐसे में हमें सार्वजनिक समारोहों से दूर रहना चाहिए। खासकर होली के समय। ऐसा इसीलिए क्योंकि इस दौरान दो गज की शारीरिक दूरी का पालन नहीं होता।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन,-
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।