पप्पू कुमार पूर्वे
जयनगर के उदयमान युवा कवि सह समाजसेवी धर्मेन्द्र भारद्धाज उर्फ बौआ झा ने कहा इंसान अगर ठान ले तो इस दुनियाँ में कुछ भी अंसभव नहीं। इसी बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है कमलकांत बाबू जिन्होंने लेखन के माध्यम वो उदाहरण प्रस्तुत किया है। बिहार सरकार को भी उनको कोई बड़ा साहित्य पुरस्कार देना चाहिए ।कमलकांत बाबू काफी पुस्तकों को लिख चुके हैं । लेखकों की रचनाओ को एक पुस्तक में संजोने वाले को पुरस्कार के रूप मे सुशोभित किया है साहित्य अकादमी ने । हम युवा कवियों को लेखन की दुनियाँ मे मार्ग दिखाया है मैं तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने कमलकांत बाबू जैसे साहित्य के इस कोहिनूर से राज्य व समाज को अवगत कराया है।कमलकांत झा बिहार प्रांत खासकर मिथिलांचल मे साहित्य के कोहिनूर है। इनके बारे में जितना भी कहा जाय कम होगा ।ईश्वर से प्रार्थना है कि बिहार व भारत सरकार ऐसे शख्शियत को किसी बड़े सम्मान से नवाज कर मां सरस्वती के दरबार की शोभा बढ़ाए।