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होली के द‍िन ग्रह दोष दूर करने के ल‍िए राश‍ि अनुसार खेले इन रंगों से


अक्सर आप राशि अनुसार करते होंगे रंगो का योग पर इस होली करे रिश्ते को देखकर रंगो का इस्तेमाल,जो निश्चित होता है प्रभावी।

पंकज झा शास्त्री

दूर हों या पास, हर रिश्ते से होली खेलने की प्यास जाग उठती है। ऐसे में अपने मन मीत को रंगों से सराबोर करने की याद करके ही नशा हो जाता है। यह रिश्ता है ही इतना नशीला। वैसे होली पर हर रिश्तों को रंगों से भिगोने के लिए दिल मचलता है। घर-परिवार और जीवन में हमारे कई रिश्ते होते हैं। इन रिश्तों के रंग भी अलग-अलग होते हैं। कहीं आदर का रिश्ता होता है तो कहीं दुलार, दोस्ती, प्यार और विश्वास का। जाहिर है हम हर रिश्ते को निभाते हुए सबके साथ होली खेलना चाहते हैं। इन रिश्तों के रंग भी अलग रंग होते हैं, लेकिन होली के मौके पर हर किसी पर हर रंग नहीं डाला जा सकता। अलग-अलग रिश्तों के लिए खास रंगों का इस्तेमाल करें तो वे रिश्ते और प्रगाढ़ हो जाएंगे। अक्सर आपने राशि अनुसार रंगो का उपयोग करते हुए तो जाने ही होंगे । पंडित पंकज झा शास्त्री के अनुसार रंगो का उपयोग अपने रिश्ते को देखते हुए करे तो होली के रंगो के आनंद बढ़ जाता है साथ ही यह जीवन के रिश्ते पर और प्रभावी हो जाता है। किस रिश्ते के लिए कौन सा रंग रहेगा बिलकुल सही।


दोस्ती के रंग
व्हाइट, ब्लू-
जीवन में हर एक दोस्त जरूरी होता है। दोस्तों के साथ जीवन के हर रंग शेयर किए जाते हैं और होली में तो दोस्तों संग खूब धमाल होता है। होली के खास मौके पर अपने अजीज दोस्तों को भी कुछ इस तरह रंगने का प्लान करें ताकि वे जीवन में कभी आपको भुला न सकें और वे जहां भी रहें उन्हें आपकी याद आती रहे। ऐसे दोस्तों को रंगने के लिए व्हाइट और ब्लू कलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। व्हाइट यानी सफेद चमक और अलग पहचान का प्रतीक है तो ब्लू यानी नीला समृद्धि और आगे बढ़ने का है।

रिश्तों के रंग
येलो, ब्लैक, पिंक-
साली, जीजा, देवर-भाभी, ननद-भौजाई का रिश्ता हंसी-ठिठोली से भरपूर होता है। एक-दूसरे को छेड़ने का कोई मौका वे नहीं छोड़ना चाहते। होली उनके लिए इसलिए खास है, क्योंकि वे इस मौके पर एक-दूसरे को जीभर के रंगते हैं। जो रंग हाथ में आ जाए, उसे लेकर एक-दूसरे पर टूट पड़ते हैं। हंसी-हंसी में वे जमकर रंगते हैं। रंगों से सराबोर होने के बाद जब पहचाने नहीं जाते, तो इसे खूब एंजॉय करते हैं। लंबे समय तक साथ रहते-रहते पड़ोसियों से भी करीबी रिश्ता बन जाता है और त्योहार सभी मिल-जुलकर मनाते हैं। होली के मौके पर पड़ोसियों के साथ होली खेलने का अलग मजा होता है। इन रिश्तों को प्रगाढ़ करने के लिए यलो, ब्लैक, पिंक का इस्तेमाल करना बेहतर होगा।

प्यार के रंग
पिंक, लाल-
अपने प्यार को रिझाने के लिए पिंक और रेड कलर का उपयोग कर सकते हैं। अपने प्यार को लाल गुलाब तो आप अक्सर देते हैं, लेकिन होली पर उन्हें पिंक व रेड कलर के रंग डालें। प्यार का रंग अगर दोनों तरफ बराबर है तो फिर और तेजी से चढ़ता है। आप जिससे प्यार करते हों, उससे कभी इजहार-ए-प्यार न कर पाए हों तो होली के रंगीन मौके पर अपने प्यार को कुछ अलग अंदाज में रंग सकते हैं। जाहिर है आपकी इस अदा पर बुरा नहीं मानेंगे/मानेंगी वे और रीझेंगे/रीझेंगी जरूर। प्यार का रंग गाढ़ा भी होगा।

विश्वास के रंग
आसमानी, नीला-
पति-पत्नी का रिश्ता सबसे ज्यादा नजदीकी और प्रगाढ़ होता है। विश्वास की मजबूत नींव पर टिके इस रिश्ते को आसमानी और नीले रंग अधिक मजबूत करेंगे। इन रंगों के जरिए होली पति-पत्नी को एंजॉय करने का भरपूर मौका तो देता ही है, विश्वास के रंग को और गाढ़ा भी करता है। ऐसे में जीवन की गाड़ी संतुलित तरीके से और खुशी-खुशी आगे बढ़ती रहती है।

आदर के रंग
चंदन, हल्दी का तिलक-
बड़े-बुजुर्गो से हमें हमेशा सुख, समृद्धि व कामयाबी का आशीर्वाद मिलता है। अपने अनुभवों से हर मौके पर वे हमें सही रास्ता दिखाते हैं। ऐसे में वे हमारे लिए सदा सम्माननीय होते हैं। होली एक ऐसा त्योहार है, जब हर रिश्ते पर रंग भारी पड़ता है। बड़ों को रंग लगाते समय इतना ध्यान रखें कि इनसे उन्हें इतनी खुशी मिले कि वे इस खास मौके पर भाव-विह्वल हो जाएं। बड़ों को परेशानी से बचाने के लिए उन्हें चंदन या हल्दी का तिलक लगाएं। इस तरह उनका आशीर्वाद आपके ऊपर हमेशा बना रहेगा।

दुलार के रंग
हलका गुलाबी, आसमानी-
छोटे सबके दुलारे होते हैं। ऐसे में स्नेह और दुलार का चटक रंग लगाने से उनका उल्लास और बढ़ जाएगा। बच्चे तो यूं भी होली में एक-दूसरे को रंगकर खूब एंजॉय करते हैं, पर अगर बड़े उन्हें स्नेह से रंगे तो दुलार का रंग गाढ़ा हो जाता है। बच्चों को तरह-तरह के रंग पसंद होते हैं। कई रंगों को देखकर वे खुश भी होते हैं। ऐसे में उन्हें रंगों से नहलाने के लिए हलके गुलाबी व आसमानी रंगों का उपयोग करें तो बेहतर है। क्योंकि ये रंग उल्लास के साथ दुलार को बढ़ाने में खासे मददगार होते हैं। छोटों को प्यार से रंग लगाएंगे तो वे कभी भुला न पाएंगे।

मनाने के रंग
पर्पल, ब्लू-
अगर आपका कोई अजीज आपसे रूठ गया है तो होली के अवसर पर उसे मनाने का मौका कतई न चूकें। उसे इस खास अंदाज में मनाएं कि आपके इस अंदाज पर न्योछावर हो जाए और फिर कभी रूठने का नाम न ले। अपने इस अजीज को आप पर्पल और ब्लू कलर से रंगें। इनसे जो खुशबू निकलेगी, वह उन्हें मदहोश तो करेगी ही, होली का अलग एहसास देगी। होली के मौके पर आपका यह अंदाज उन्हें बुरा भी नहीं लगेगा और वह मन ही मन मुस्कुरा उठेंगे।

ठिठोली के रंग
काला, भूरा-
कई रिश्ते ऐसे होते हैं, जिनके साथ हंसी ठिठोली बहुत आम है। जीजा-साली का रिश्ता कुछ ऐसा ही है। इन रिश्तों में ठिठोली चलती रहती है। ऐसे रिश्तों के लिए होली खास पैगाम लेकर आती है। रंग के बहाने एक-दूसरे का खूब मजाक बनाया जाता है। आप भी इस मौके को भुना सकते हैं। इस रिश्ते में चोरी-छिपे भी रंग डाले जाते हैं। नई शादी के बाद सालियां अपने जीजा को रंगने का कोई मौका नहीं छोड़तीं। कभी-कभी तो सोते समय चुपके से बालों व कपड़ों में सूखे रंग डाल देती हैं। जब पानी पड़ता है तो पूरा शरीर लाल-पीला हो जाता है। ऐसे रिश्तों के लिए काले और भूरे रंग का इस्तेमाल किया जा सकता है। रंग जितना चटक होगा ठिठोली का रंग भी उतना ही चढ़ेगा।

सताने के रंग
डार्क ग्रीन, आरेंज-
कोई ऐसा भी होगा, जिससे बातें और मुलाकातें आपको ज्यादा पसंद नहीं आती होंगी। वह कभी आपको भाता नहीं। ऐसे व्यक्ति घर-परिवार, पड़ोस या ऑफिस में कहीं भी हो सकते हैं। होली के मौके पर इन्हें रंगने का मौका कतई न छोड़ें। हो सकता है कि आपके रंगने के अंदाज और प्यार से खटास मिठास में बदल जाए। लेकिन मन में दुर्भावना रखकर इन्हें रंग न लगाएं। ऐसे रिश्तों के लिए आप सद्भाव के डार्क ग्रीन और ऑरेंज कलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये रंग होली का मजा और बढ़ा देंगे।


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