- कृषि कानून के सहारे किसान को बंधुआ मजदूर बनाने की तैयारी
-काला कानून वापस ले सरकार
शिवहर----मौजूदा केंद्र सरकार ने सिर्फ जनता के साथ छल कर रही है बल्कि काले कृषि कानून की बदौलत किसानों को मजदूर बनाने की तैयारी में है। उक्त बातें कांग्रेस जिला अध्यक्ष मोहम्मद असद ने किसान मैदान में धरना प्रदर्शन के दौरान कहा है। मोहम्मद असद ने कहा है कि मौजूदा सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि यह कानून देश के अन्नदाताओं को भिखमंगी की ओर ले जाने वाली है। संवेदना खो चुके पीएम मोदी को देश की नहीं बस कुर्सी की चिंता है।
बताया है कि भारत कि कांग्रेस के शासन काल में तत्कालीन सरकार ने 1955 ई० में आवश्यक वस्तु अधिनियम कानून बनाया था। जिससे बाजार पर नियंत्रण रखा जाता था। वहीं काला बाजारी और जमाखोरी पर अंकुश लगाने की व्यवस्था की गई थी | किन्तु वर्तमान मोदी सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 की उपधारा 1 में अतिरिक्त उपधारा 1A को जोड़ते हुए अनाज, दाल, आलू, प्याज एवं खाद्य तेल जैसी वस्तुओं की असीमित मात्रा में जमाखोरी करने की छूट पूँजीपतियों को दे दी है |
वही कांग्रेस जिला प्रवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने धरना प्रदर्शन करते हुए कहा है इस संसोधन में यह कहा गया है कि जल्द नष्ट नहीं होनेवाले वस्तु अनाज, दलहन एवं तेलहन के दामो में जब तक 50 प्रतिशत और जल्दी नष्ट होनेवाली वस्तुएं जैसे फल, फूल एवं सब्जी के दाम जब तक 100 प्रतिशत तक नहीं बढ़ जाते तब तक सरकार भाव को नियंत्रित करने के लिए जमाखोरी की कोई सीमा तय नहीं करेगी। उक्त नए नियम का सीधा लाभ पूंजीपतियों को मिलेगा ।
वहीं किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य कानून 2020 के द्वारा केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के फसल के समर्थन मूल्य (MSP) के अधिकार को समाप्त कर दिया है। इससे किसानो के न्याय पाने के अधिकार को भी वंचित कर दिया है।
बताया है कि कांग्रेस ऐसा हरगिज नहीं होने देगी। चाहे इसके लिए जो भी करना पड़े। किसानों की समस्त समस्याओं पर गहनता से विचार करने की आवश्यकता है।वही जिला महासचिव प्रमोद राय मोहम्मद नसीम अख्तर मोहम्मद सद्दाम हुसैन पुर्व प्रमुख भोला साह, तरियानी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह सहित सभी प्रखंड अध्यक्ष मौजूद थे।