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टीबी उन्मूलन के लिए मार्च में जन आंदोलन, स्वास्थ्य विभाग ने मार्च महीने को जन आंदोलन के रूप में मनाने का निर्णय लिया है

प्रिंस कुमार 
शिवहर, 3 मार्च
स्वास्थ्य विभाग ने टीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने मार्च महीने को जन आंदोलन के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत प्रखंड स्तर पर कई गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि टीबी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मार्च महीने को जन आंदोलन के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर बार टीबी से लड़ने के लिए पूरे मार्च कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 

केयर इंडिया की टीम करेगी सहयोग
प्रति वर्ष 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस मनाया जाता है। इस बार सहयोगी संस्था केयर इंडिया द्वारा सभी प्रखंड मुख्यालयों में सहयोग किया जाएगा। इसके तहत टीबी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप मीटिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधि, धार्मिक संस्थाओं के प्रमुख, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के बीच राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं, निक्षय पोषण योजना आदि विषय पर व्यापक जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम के लिए केयर इंडिया के जिला प्रतिनिधि के द्वारा रोस्टर भी तैयार किया जाएगा।

वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य
जनआंदोलन अभियान के तहत प्रखंड स्तर पर यक्ष्मा रोगी की पहचान के विषय में जानकारी दी जाएगी। ताकि टीबी के लक्षणों को पहचान कर रोगी को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भेजा जा सके। टीबी के रोगी का जल्द से जल्द उपचार शुरू किया जा सकेगा। केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज
जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही दवा भी मुफ्त दी जाती है। टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में रोग के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया जाता है। 

टीबी रोग के लक्षण
- लगातार तीन हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
- खांसी के साथ खून का आना
- छाती में दर्द और सांस का फूलना
- वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
- शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
- रात में पसीना आना

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