मोतिहारी, 16 मार्च | पूर्वी चम्पारण के सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि होली रंगों का त्यौहार है। होली आते ही लोग रंग, प्रेम, भाईचारे की मस्ती में डूब जाते हैं । परन्तु देश में कोरोना के दूसरे स्ट्रेन के बाद सतर्कता और सावधानी बरतने की जरूरत है| महाराष्ट्र, दिल्ली सहित कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं | वर्तमान में केन्द्र व बिहार सरकार कोरोना की स्थितियों पर गंभीरता पूर्वक नजर रख रही है। ऐसे में लोगों को खुद ही सावधानियाँ बरतनी चाहिए ताकि, लोग कोरोना महामारी से बच सकें। पिछले साल होली के बाद ही पूरे देश में कोरोना ने रफ्तार पकड़ी थी। इसलिए सावधान रहें। इसबार सादगी के साथ होली मनाने होंगे।
जांच का दायरा बढ़ाने का निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना जांच अधिक से अधिक करने के निर्देश दिए हैं। खासकर कोरोना प्रभावित बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की जांच हो इसके लिए विशेष टीम का गठन करने का निर्देश दिया गया है। सीएस ने बताया कि कोरोना जांच सेंटर पर अधिक से अधिक जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावे रेंडम जांच भी करने के निर्देश दिए गए हैं। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित सब्जी बाजार में भी लोगों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं शहर में कोरोना मोबाइल वैन से भी कोरोना जांच होगी। सिविल सर्जन ने कोरोना से बचाव के लिए कोरोना के नियमों का पालन करने की अपील आम लोगों से की। उन्होंने कहा कि हाथ की सफाई बराबर करते रहें । जो भी कोरोना प्रभावित राज्यों से आए हैं वे लोग कोरोना की जांच जरूर करावें ताकि उनका परिवार और समाज सुरक्षित रहे ।
भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें
कोरोना वायरस से बचे रहने के लिए होली खेलने के दौरान किसी ऐसे स्थान पर न जाएं जहां भीड़ अधिक हो। ऐसे जगह पर संक्रमण की संभावना अधिक रहती है । इसलिए कोशिश करें कि ऐसे किसी भी जगह पर जाने से पहले मास्क जरूर लगाएं। इस बात का जरूर ध्यान दें कि आपका मास्क उतरने न पाए। खांसने और छींकने वाले लोगों से रहें दूर। आपको केवल उन्हीं लोगों से दूरी बनाए रखने की जरुरत है, जिन लोगों में सर्दी खांसी के लक्षण हैं। इसलिए जिन लोगों में ऐसे लक्षण दिखें, उनसे दूर रहें।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।