- 5 मार्च से कालाजार से बचाव के लिए होगा कीटनाशक का छिड़काव
मोतिहारी, 4 मार्च
कालाजार के खात्मे के लिए जिला स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिससे दिन-प्रतिदिन कालाजार के मामलों में कमी आ रही है। वर्तमान में कालाजार रोग से पीड़ितों की संख्या मात्र 11 है। जिला वेक्टर पदाधिकारी शरद चन्द्र शर्मा ने बताया कि पूर्वी चम्पारण को कालाजार से मुक्त करने के दिशा में स्वास्थ्य कर्मी व विभागीय अधिकारी लग गये हैं । इसके लिये महादलित बस्तियों, झुग्गी-झोपडी में कालाजार से बचाव के लिये लोगों को जागरूक करने के साथ साथ सिंथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। वीडीसीओ धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि कालाजार को जड़ से समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, जीविका एवं अन्य विभागों के समेकित प्रयास पर बल दिया गया है ।
5 मार्च से 27 प्रखंडों में छिड़काव
सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि कालाजार की बीमारी से बचाव के लिए 5 मार्च से जिले के 27 प्रखंडों में सिंथेटिक पाइरोथाइराइड के छिड़काव की शुरुआत होगी। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरदचन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि पहले कीटनाशक दवा का छिड़काव दीवार पर छह फुट तक होता था, अब वह पूरी दीवार पर होगा। ताकि बालू मक्खी मर जाये। इसके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि प्रखण्ड स्तर पर जागरूक करने की भी आवश्यकता है। डाटा ऑपरेटर चन्द्रभानु सिंह ने बताया कि जिले में कालाजार के मरीज लगातार कम हो रहे हैं।
छिड़काव के वक्त ध्यान में रखने वाली बातें
- घर की दीवारों में पड़ी दरारों को भर दें
- अच्छी तरह से घर की सफाई करें। खाने-पीने का सामान, बर्तन, दीवारों पर टंगे कैलेंडर आदि को बाहर निकाल दें।
- भारी सामानों को कमरे के मध्य भाग में एकत्रित कर दें और उसे ढक दें।
- रसोईघर, गौशाला सहित पूरे घर में छह फीट की ऊंचाई तक दवा का छिड़काव कराएं।
कालाजार के निम्नलिखित लक्षण हैं
- रुक-रुक कर बुखार आना
- भूख कम लगना
- शरीर में पीलापन और वजन घटना
- तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना
- त्वचा सूखी और पतली होना
- बाल का झड़ना