मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहारवासियों को एक और तगड़ा झटका लगा है। जी हां, बिहार में बस किराया में बड़ी 20 फिसद वृद्धि हुई है। दरअसल, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के बाद बिहार के बस मालिकों ने किराया बढ़ाने की घोषणा कर दी है। बस मालिकों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफे के बाद इसका सीधा असर सारी चीजों पर पड़ रहा है लिहाजा किराया बढ़ाना मजबूरी है।बस किराये को बढाना वाहन मालिकों की मजबूरी हो गयी है। तेल की कीमत बढ़ने के कारण वाहन के परिचालन का खर्च काफी बढ़ गया है। ऐसे में बस मालिकों के पास किराया बढ़ाने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है।हालांकि सूबे में बस किराया तय करने का जिम्मा राज्य सरकार का है। राज्य सरकार की मंजूरी के बगैर बस मालिक किराया नहीं बढा सकते लेकिन सरकार शायद ही कभी बस मालिकों पर अंकुश लगा पाती है। बताया जाता है कि क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार बस से लेकर टेम्पो तक का किराया निर्धारित करता है। इस प्राधिकार के प्रमुख प्रमंडलीय आयुक्त होते हैं। वहीं बसों का राज्य स्तरीय किराया परिवहन विभाग तय करता है। सरकार की मंजूरी के बाद ही किराया बढ़ाया जा सकता है।